प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ द्वारा राम जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के उद्यान में वकील 'जय श्री राम' के नारे लगाते देखे गए. मालिकाना हक मामले में राम लला के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोगों की जीत है. उन्होंने कहा, 'यह बेहद संतुलित फैसला है और यह भारत के लोगों की जीत है.'
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भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, 'जब भगवान राम चाहते थे, तभी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिये हरी झंडी दिखाई जा रही है. जय श्री राम.' विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने शनिवार को आए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राम मंदिर के लिये राम लला का जन्म स्थान दिया जाना लाखों कार्यकर्ताओं के बलिदान को सलाम है.
तोगड़िया ने एक बयान में कहा, 'हिंदू 450 सालों से राम जन्म स्थल पर ही राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं. लाखों हिंदुओं ने इसके लिये अपनी जिंदगी, करियर और परिवार का बलिदान दिया है. उच्चतम न्यायालय द्वारा वही जमीन राम मंदिर के लिये दिया जाना इस बलिदान को सलाम है.' उन्होंने केंद्र से भी इस बलिदान को मान्यता देने का अनुरोध किया.