अयोध्या (Ayodhya) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के बहुप्रतीक्षित फैसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohjan Bhagwat) दिल्ली पहुंच सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आएगा, उसे स्वीकार करने के लिए वह देश को संबोधित भी कर सकते हैं. यह जानकारी संघ के भरोसेमंद सूत्रों ने दी है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को लेकर पिछले दस दिनों से संघ के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली (Delhi) के उदासीन आश्रम में डेरा डाल रखा है. यहीं से संघ के शीर्ष नेतृत्व की ओर से देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र (Harmony) बनाए रखने के लिए जगह-जगह समन्वय बैठकों का निर्देशन चल रहा है. संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल (Dr. Krishna Gopal) लगातार मुस्लिम बुद्धिजीवियों (Muslim Intellectual) के साथ समन्वय बैठक कर रहे हैं.
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अयोध्या पर इस फैसले को लेकर संघ के स्वयंसेवकों ने देश भर में मोर्चा संभाल रखा है. जगह-जगह शांति और समन्वय समिति की बैठकें की जा रहीं हैं. मुस्लिम संगठनों के साथ भी संघ से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी बैठकें कर सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाने मे जुटे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि फैसले के बाद देश भर में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और अन्य रणनीतियों पर चर्चा के लिए शनिवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में दस्तक दे सकते हैं.
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CJI रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ शनिवार को सुबह 10:30 बजे ऐतिहासिक और देश के सबसे पुराने मुकदमे में फैसला सुनाएगी. अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) पर आ रहा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का यह फैसला अंतिम नहीं होगा. फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन (Review Petition) दाखिल की जा सकती है. रिव्यू पिटीशन उसी बेंच के पास जाता है, जो फैसला दे चुकी होती है.
Source : आईएएनएस