अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सालों से चले आ रहे विवाद को अपना फैसला सुना कर खत्म कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में राम मंदिर के लिए ट्रस्ट निर्माण का आदेश दिया है. आइए 5 प्वाइंट्स में जानते हैं कि भगवान राम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा.
- कोर्ट ने जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ-साथ निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा केवल प्रबंधन देख सकता है, जमीन पर उसका कोई हक नहीं है. लेकिन कोर्ट ने राम लला विराजमान को एक पक्षकार के रूप में माना और कानूनी वैद्यता दी.
- कोर्ट ने कहा कि रामजन्म स्थान की कानूनी वैधता नहीं है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम के प्रति हिंदुओं की आस्था पर गवाहों ने सवाल नहीं उठाए. हिंदू अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं, इस पर विवाद नहीं है.
- राम चबूतरा और सीता रसाई पर कोई विवाद नहीं है. इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि राम चबूतरा और सीता रसोई पर पूजा होती थी.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ASI ने ये नहीं माना है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. आस्था और विश्वास पर कोई विवाद नहीं हो सकता. हिंदुओं का विश्वास है कि विवादित स्थल पर भगवान राम का जन्म हुआ था. लेकिन पुरातात्विक प्रमाणों से हिंदू धर्म से जुड़ी संरचना का पता चलता है. इतिहासकारों और यात्रियों के विवरणों से भगवान राम के जन्म भूमि का ज़िक्र है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो