कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए अब आयुर्वेद का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए सरकार एम्स के डॉक्टर्स को ट्रेंड भी करने की योजना बना रही है। कैंसर की चुनौती से दोचार होने के लिए एम्स ने आयुष मंत्रालय के साथ करार किया है।
एम्स के मुताबिक, इस समझौते के तह्त झज्जर में बनने वाले राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में कैंसर के एलोपैथी इलाज के अलावा आयुर्वेद का काउंटर भी लगाया जाएगा।
वहीं, आयुष विभाग के मंत्री श्रीपदनायक ने कहा है कि आयुर्वेदिक दवाओं और योग को कैंसर के इलाज में लिए इस्तेमाल करने पर बढ़ावा दिया जाएगा।
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एम्स के कैंसर रोग विभाग के डॉ. जी. के. रथ ने कहा है कि, 'कैंसर के इलाज में मरीज की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। योग और आयुर्वेदिक दवाओं की मदद से मरीजों का इलाज किया जाएगा। उम्मीद है कि इसके बेहतर रिजल्ट आएंगे और रिसर्च का दायरा भी बढ़ जाएगा।'
आयुर्वेद की अब दुनियाभर में एक अलग और मज़बूत पहचान बनी है। ऐसे में कैंसर जैसी बिमारियों के इलाज के लिए भी लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर बढ़ रहा है।
यहीं नहीं, दुनिया भर में कैंसर के इलाज में नई दवा और रिसर्च में आयुर्वेद की ओर उम्मीदें बढ़ रही है। इसलिए एलोपैथी के अलावा अब आयुर्वेद को भी वैकल्पिक थेरेपी के तौर पर अपनाने की दिशा में भी कार्रवाई करने की तैयारी है।
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Source : News Nation Bureau