बाबा रामदेव ने कोरोना महामारी का सफल इलाज करने का दावा करते हुए कोरोनिल नाम की एक दवा लान्च की थी. लेकिन इस दवा पर बाबा रामदेव को चौतरफा हमलों का सामना करना पड़ रहा है. आयुष मंत्रालय ने इस दवाई से पल्ला झाड़ दिया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव को विरोध का सामना करना पड़ा.
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लेकिन अब आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उसे दवा के क्लीनिकल ट्रायल से संबंधी सभी दस्तावेज मिल गए हैं और शोध के नतीजों के सत्यापन के लिए इन दस्तावेजों का अध्ययन किया जाएगा. इस पत्र के आते ही बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा आयुर्वेद का विरोध एवं नफरत करने वालों के लिए घोर निराशा की खबर.
ट्वीट में आयुष मंत्रालय का पत्र
बाबा रामदेव ने अपने ट्वीट के साथ आयुष मंत्रालय का एक मेल भी संलग्न किया है. दरअसल पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालाकृष्ण ने इस बारे में कल मंत्रालय को एक पत्र लिखा था. इसके जवाब में आयुष मंत्रालय ने आचार्य बालकृष्ण को एक पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि उसे दवा के क्लीनिकल ट्रायल संबंधी सभी दस्तावेज मिल गए हैं. मंत्रालय शोध के नजीतों के सत्यापन के लिए इस दस्तावेजों का अध्ययन करेगा.
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आयुष मंत्री ने कही थी ये बात
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि रामदेव को अपनी दवा की घोषणा मंत्रालय से इजाजत लिए बिना नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, 'हमने उनसे जवाब मांगा है. पूरा मामला टास्क फोर्स के पास भेजा गया है.' नाइक के मुताबिक, पतंजलि जो जवाब देगी उसकी और पूरे मामले की समीक्षा टास्क फोर्स करेगी. यह देखा जाएगा कि पतंजलि ने कौन-कौन सा फॉर्म्यूला अपनाया है.
Source : News Nation Bureau