2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद में आजादी के अमृत महोत्सव का आगाज किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव से जुड़ी एक वेबसाइट और लोगो भी लांच किया गया. इसी के साथ दांडी मार्च को भी 91 बरस हो रहे हैं. पीएम मोदी इस मौके पर एक मार्च को हरी झंडी दिखाई. पीएम मोदी साबरमती आश्रम से एक यात्रा का आगाज किया जो दांडी मार्च की याद में की जा रही है. ये यात्रा कुल 386 किमी. की होगी, दो 12 मार्च से शुरू होकर 5 अप्रैल तक जारी रहेगी.
थीम सांग किया लांच
अमृत महोत्सव की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रम से की गई. आजादी के 75 साल पूरा होने पर होने वाले जश्न अमृत महोत्सव का थीम सांग लांच किया गया. इससे पहले पीएम मोदी साबरमती आश्रम पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. देश के विभिन्न स्थानों के गुजरती हुई पदयात्रा अहमदाबाद के अभय घाट पर पहुंची है. यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले यह आजादी का जश्न शुरू हुआ है.
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भारत फिर बनेगा महाशक्ति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है. मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है. भारत एक बार फिर विश्व की महाशक्ति बनेगा. आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं. भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है. देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है. हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था. मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था.
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पीएम मोदी बोले कि जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है. बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है. अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है. अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है. तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था. श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी. 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था.
HIGHLIGHTS
- आजादी के 75 साल पूरा होने पर 75 सप्ताह चलेगा जश्न
- अमृत महोत्सव से जुड़ी वेबसाइट और लोगो किया लांच
- डाडी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना