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पाकिस्तानी पीएम के सलाहकार सरताज अजीज शनिवार शाम को ही पहुंचेंगे अमृतसर

अजीज पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर में आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हो सकते हैं। पंजाब सरकार ही इस वैश्विक कार्यक्रम का इंतजाम कर रही है।

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Deepak Kumar
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पाकिस्तानी पीएम के सलाहकार सरताज अजीज शनिवार शाम को ही पहुंचेंगे अमृतसर

सरताज अजीज शनिवार शाम को ही पहुंचेंगे अमृतसर

पाकिस्तान की विदेश नीति पर प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज अब रविवार की जगह शनिवार शाम को ही अमृतसर के लिए रवाना होंगे। एक अधिकारी ने रविवार के मौसम के अनिश्चित रहने की भविष्यवाणी को उनके कार्यक्रम में बदलाव का कारण बताया है। वह अफगानिस्तान पर 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत जा रहे हैं।

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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने आईएएनएस से कहा, "अजीज एक विशेष विमान से आज (शनिवार) शाम को यात्रा कर रहे हैं।"

जकारिया ने यह भी कहा कि अजीज पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर में आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हो सकते हैं। पंजाब सरकार ही इस वैश्विक कार्यक्रम का इंतजाम कर रही है।

ये भी पढ़ें- हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में भारत-पाक के बीच नहीं होगी द्विपक्षीय बातचीत

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इससे पहले पाकिस्तान के इस शीर्ष राजनयिक का सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार को अमृतसर पहुंचने का कार्यक्रम था और माना जा रहा था कि वह उसी दिन पाकिस्तान लौट आएंगे।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच अमृतसर में शनिवार से हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शुरू हुआ। इसके साथ ही इस सम्मेलन से इतर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत शुरू होगी या नहीं इसके कयास भी लगाए जाने लगे हैं।

अजीज इस सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह सम्मेलन अफगानिस्तान और उसके पड़ोसियों के बीच क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित है। इसका मकसद बेहतर संपर्क बनाना और युद्ध से तबाह देश में सुरक्षा के खतरों से निपटना है।

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पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) हार्ट ऑफ एशिया इनिशिएटिव के हिस्से हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। इसका मकसद अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी जैसी समान समस्याओं से निपटने के लिए आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।

छह प्रमुख क्षेत्र हैं, जिनमें 14 देश वर्ष 2013 से ही विश्वास बहाली के उपाय करने में लगे हैं। ये क्षेत्र हैं आपदा प्रबंधन, आतंकवाद का मुकाबला, मादक पदार्थ निषेध, व्यापार और निवेश, क्षेत्रीय संरचना और शिक्षा।

इस प्रक्रिया का और 17 अन्य ने समर्थन किया है। इनमें अधिकांश पश्चिमी देश हैं और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन हैं।

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पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ रिश्ते अत्यंत ठंडे होने के बावजूद इस सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय लिया है।

पाकिस्तान ने यह फैसला तब भी किया, जब भारत ने पिछले माह नवंबर में इस्लामाबाद में दक्षेस सम्मेलन को विफल कर दिया था।

इस बात पर रहस्य बना हुआ है कि क्या भारत और पाकिस्तान इस अवसर को द्विपक्षीय बातचीत के लिए इस्तेमाल करेंगे? हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसकी संभावना खारिज कर दी है।

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स्वरूप ने शुक्रवार को कहा था कि आतंकवाद के माहौल में बातचीत जारी नहीं रह सकती है। भारत आतंकवाद के जारी रहने को द्विपक्षीय सामान्य रिश्तों की नई सामान्य स्थिति के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेगा।

Source : IANS

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