अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू होने से पहले बाबा के भक्त पहुंचे जम्मू, 30 जून को पहले जत्थे में होंगे शामिल भले ही 30 जून से शुरू होने वाली हो लेकिन जम्मू में यात्रा का आगाज हो गया है. देश भर से बाबा बर्फानी के सबसे बड़े भक्त माने जाने वाले साधु संत जम्मू पहुंचाना शुरू हो गए हैं. जम्मू के राम मंदिर और गीता मंदिर में अब तक करीब 500 साधु बाबा अमरनाथ की यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं. हर साल की तरह इस साल भी मंदिर प्रशासन ने इन साधुओं के रहने और खाने की व्यवस्था की हैं. जम्मू पहुंचे ये साधु अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का हिस्सा बनते हैं. इन साधुओं के लिए प्रशासन द्वारा अलग अलग मंदिरों में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है.
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बाबा के दर्शनों के लिए जाने से पहले जम्मू में इन साधुओं के अलग अलग रूप देखने को मिलते है. इस बार भी बाबा के दर्शनों के लिए कई साधु त्रिशूल लेकर पहुंचें हैं तो कई हाथ में डमरू लेकर. कई साधुओं ने बाबा का रूप धारण किया हुआ है तो कई साधुओं ने शरीर पर भभूति लगाई हुई है. कुछ साधु हाथों में तिरंगा लेकर देश के कल्याण की कामना के साथ बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचे हैं. कुछ भक्त बाबा के भजनों के जरिए भी बाबा का उद्घोष करते हुए नजर आ रहे हैं.
जम्मू पहुंचे बाबा के भक्तों में एक भक्त ऐसा भी है, जिसने पिछले 12 सालों से अपनी एक बाजू को उठा कर रखा हुआ है. यह बाबा का भक्त पंजाब का रहने वाला है और पिछले 8 सालों से लगातार बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इन बाबा का कहना है कि उन्होंने अपनी एक बाजू बाबा को अर्पण कर दी है. जिसका मकसद देश का कल्याण और विश्व का कल्याण है यह बाबा इसी तरह से इस साल बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले हैं.
वहीं अगर अमरनाथ यात्रा की बात करें तो इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से जम्मू से रवाना होगी जबकि 1 जुलाई को पहले जत्थे में शामिल होने वाले बाबा के भक्तों को बाबा के दर्शन होंगे. यह पहला मौका है जब इस साल सबसे लंबी अमरनाथ यात्रा होने जा रही है. इस साल अमरनाथ यात्रा 62 दिन की होगी जो 30 जून से 31 अगस्त तक चलेगी. अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन सारी तैयारियां पूरी कर चुका है. अमरनाथ यात्रा के ट्रैक को पूरी तरह से क्लियर कर दिया गया है. ये पहला मौका है, जब पूरे अमरनाथ ट्रैक पर लाइट लगाई गई हैं. जिससे यात्रियों को चलने में किसी भी तरह की मुश्किल नहीं होगी. यात्रियों की ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के लिए भी जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगह पर अलग-अलग काउंटर खोल दिए गए हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी यात्रियों के लिए आरएफआईडी कार्ड लेना अनिवार्य होगा, जिसके बगैर यात्रियों को यात्रा नहीं करने दी जाएगी.
अमरनाथ यात्रा को देखते हुए भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस साल 60000 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवानों को अमरनाथ यात्रा में तैनात किया गया है. इसके साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना भी अलग-अलग जगह पर तैनात रहेगी. जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर इस बार डॉग स्कॉट के साथ 5 से 6 जवानों की छोटी QRT की टीम बनाई गई है, जो जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे के 300 किलोमीटर के रास्ते को सेनीटाइज करेगी जिसके बाद ही अमरनाथ यात्रा की गाड़ियों को आगे जाने दिया जाएगा. इसके साथ ही जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर बॉम्ब स्क्वाड भी तैनात किया गया है जो ब्रिज और छोटे पोलो को यात्रा से पहले सेनीटाइज करेगी.
Source : News Nation Bureau