बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। इस फैसले में कोर्ट तय करेगा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य 13 नेताओं के खिलाफ 1992 में बाबरी मस्जिद ढांचा को गिराने में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाया जाए या नहीं।
इससे पहले 7 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीसी घोष, आरएफ नैरिमन की बेंच इस संबंध में बुधवार को फैसला सुनाएगा।
7 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'मामला 25 साल से लंबित पड़ा है। अब ये दो साल में पूरा होना चाहिए। हम इस मामले में ट्रायल का जजमेंट नहीं सुना रहे सिर्फ कानूनी प्रक्रिया पर फैसला दे रहे हैं।'
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सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेताओं के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द करने की सीबीआई ने मांग की थी।
सीबीआई की अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की बरकरार रखते हुए आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दिया था.
इस मामले की पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य नेताओं को महज टेक्नीकल ग्राउंड पर राहत नहीं दी जा सकती।
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कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में टेक्नीकल ग्राउंड पर 13 लोगों को छोड़ दिया गया था। न्यायमूर्ति पी सी घोष और आर एफ नरीमन की बेंच ने कहा, 'हम तकनीकी आधार पर मुक्ति को स्वीकार नहीं करेंगे और हम पूरक आरोपपत्र की अनुमति देंगे।'
यदि सुप्रीम कोर्ट साजिश रचने की मुकदमा इन नेताओं पर चलाता है तो इनकी मुश्किले बढ़ सकती है।
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Source : News Nation Bureau