बाबरी मस्जिद केस में सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को छठे आरोपी सतीश प्रधान की जमानत मंज़ूर कर ली है। विशेष सीबीआई कोर्ट के जज़ एस के यादव ने पूर्व शिवसेना सांसद सतीश प्रधान की जमानत 20,000 रुपये मुचलके पर मंज़ूर की।
इस दौरान प्रधान ने अयोध्या मामले में क्रिमिनल कॉन्सिपिरेसी होने से इनकार करते हुए कहा, 'राम मंदिर बनना चाहिए। मेरा उस घटना में कोई हाथ नहीं था। मैंने कुछ किया ही नहीं है।'
बता दें कि इससे पहले विशेष सीबीआई अदालत ने अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में अगली सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी थी।
अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई इसलिए स्थगित कर दी क्योंकि 6 आरोपियों में से एक सतीश प्रधान सोमवार को अदालत में हाजिर नहीं हुए थे।
सीबीआई की विशेष अदालत ने राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील माने जाने वाले इस मामले की 20 मई से रोजाना सुनवाई शुरू की। सोमवार को इस मामले में आरोपी पांच विश्व हिन्दू परिषद नेताओं (रामविलास वेदांती, चंपत राय, बीएल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास और धर्म दास को) को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई थी। बुधवार को छठे आरोपी को भी ज़मानत मिल गई।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत को निर्देश दिया था कि वह इस मामले की सुनवाई एक महीने के अंदर शुरू करे और दो साल के अंदर अपना फैसला दे।
सीबीआई अदालत ने पहले इस मामले में छह आरोपियों को समन जारी किया था जिनमें से राम बिलास वेदांती (59) समेत पांच अदालत में हाजिर हुए और जमानत हासिल कर ली थी।
वेदांती के अलावा शनिवार को जो विहिप नेता अदालत में हाजिर हुए, उनमें चंपत राय (71), बैकुंठ लाल शर्मा (88), महंत नत्य गोपाल दास (79) और धर्मदास महाराज (68) शामिल थे जिन्हें सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके यादव ने जमानत दे दी थी।
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Source : News Nation Bureau