Advertisment

अमित शाह बोले - बाबूजी का जाना भाजपा के लिए एक बड़ी क्षति

अमित शाह ने कहा कि बाबूजी का जाना भाजपा के लिए एक बड़ी क्षति है. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने जो शून्य छोड़ा है उसे भरना मुश्किल होगा. राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के बाद उन्होंने कहा था कि उनके जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया है.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Amit Shah

अमित शाह( Photo Credit : ANI)

Advertisment

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का आज अतरौली में अंतिम संस्कार किया जाना है. इससे पहले उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है. अंतिम संस्कार के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि बाबूजी का जाना भाजपा के लिए एक बड़ी क्षति है. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने जो शून्य छोड़ा है उसे भरना मुश्किल होगा. राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के बाद उन्होंने कहा था कि उनके जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया है. राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए उन्होंने बिना सोचे-समझे सीएम पद छोड़ दिया.

पूर्व सीएम कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. रामभक्त कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार को भव्य और शानदार बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए 21 किलो चन्दन की लकड़ी की व्यवस्था की गई है. साथ ही इसमें आम और पीपल की पांच कुंतल लकड़ी का भी इस्तेमाल किया जाएगा. कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में 45 किलो घी, एक कुंतल सुगन्धित सामग्री और केसर का भी इस्तेमाल किया जाएगा. उनके अंतिम संस्कार की सामग्री में मेवा और मिष्ठान को भी शामिल किया गया है. इस समय अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कार की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, नरोरा के बसी घाट पर बाबूजी कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार होगा.

यह भी पढ़ेंः जम्मू के अरनिया सेक्टर में फिर दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, BSF ने की फायरिंग

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर बुलंदशहर के नरोरा घाट पर किया जाएगा. अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कहा, "अंतिम संस्कार सोमवार सुबह नौ बजे स्टेडियम से शुरू होगा. अतरौली में कुछ देर रुकने के बाद यह डिबाई पहुंचेगा, जहां दोपहर करीब तीन बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा." दिवंगत नेता के करीबी सहयोगी चंद्रपाल सिंह ने कहा, "उन्होंने हमेशा डिबाई के ऊपर अतरौली को चुना, लेकिन यह सुनिश्चित किया कि अलीगढ़ उनकी 'जन्मभूमि' है जबकि बुलंदशहर उनकी 'कर्मभूमि' है. इसलिए, उनका अंतिम संस्कार डिबाई में किया जा रहा है." सिंह ने डिबाई को अपनी 'कर्मभूमि' माना क्योंकि वह बुलंदशहर से लोकसभा के लिए एक बार और दो बार डिबाई निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे. डिबाई निकटतम गंगा घाट भी है.

Source : News Nation Bureau

BJP amit shah kalyan-singh
Advertisment
Advertisment