पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए बुरी खबर आई है. यह बुरी खबर दक्षिणी भारत के राज्य कर्नाटक से आई है, जहां पिछले शनिवार को लोकसभा की तीन और विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे. मंगलवार को उपचुनाव की मतगणना में लोकसभा की तीन सीटों में से कांग्रेस और जेडीए के खाते में एक-एक और बीजेपी के खाते में भी एक सीट आई. कुल मिलाकर कांग्रेस गठबंधन को लोकसभा की दो सीटें मिलीं और विधानसभा की दोनों सीटों पर भी उसे विजयश्री हासिल हुई.
बेल्लारी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी वीएस उग्रप्पा ने जीत हासिल की. जामखंडी विधानसभा सीट से कांग्रेस के ही एएस नामगौड़ा को विजयश्री नसीब हुई. वहीं जनता दल सेक्यूलर की अनीता कुमारस्वामी रामनगरम सीट जीतने में सफल रहीं. मांड्या में जनता दल सेक्यूलर के एलआर शिवरामगौड़ा जीत गए. इस तरह पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में केवल शिमोगा लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में आई. शिमोगा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र को जीत हासिल हुई.
Correction: Congress-JD(S) alliance wins 4 out of 5 seats in #KarnatakaByElection2018, wins Bellary, Mandya, Ramanagaram and Jamkhandi. BJP wins Shimoga Lok Sabha seat. (Original tweet will be deleted) https://t.co/eulss4DOFE
— ANI (@ANI) November 6, 2018
इस जीत-हार के मायने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को अभी तक राफेल लड़ाकू विमान डील पर घेरने वाली कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे देश में यह प्रचारित करेंगे कि अब सरकार के पास जनता का विश्वास नहीं है. सरकार एक के बाद एक कई चुनाव हार चुकी है. कांग्रेस को इस चुनाव से नई ऊर्जा मिली है. उसके कार्यकर्ताओं में विश्वास जगा है कि वह अब भी लड़ सकते हैं और चुनाव में चुनौती बन सकते हैं. हार से बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित होगा और इस उपचुनाव का तत्काल असर पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा, जहां कांग्रेस इसे भुनाने की कोशिश करेगी, वहीं बीजेपी को कांग्रेस के सवालों का जवाब देना होगा.
I congratulate Congress leaders in the state & at the Centre. I also congratulate JDS state leaders & workers who worked towards this win. BJP calls JDS-Congress coalition 'Apavitra Maitri', today that contention has been nullified: JD(S) leader & Karnataka CM HD Kumaraswamy pic.twitter.com/z2DojXYsOe
— ANI (@ANI) November 6, 2018
कांग्रेस-JDS गठबंधन लोकसभा चुनाव तक अडिग
उपचुनाव में मिली जीत से यह बात तो तय हो गई है कि कांग्रेस-JDS गठबंधन अब लंबे समय तक चलेगा. कम से कम लोकसभा चुनाव तक तो इसे कोई नहीं डिगा सकता. क्योंकि गठबंधन के सहारे दोनों दलों ने जीत का स्वाद चख लिया और बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी. इसलिए अब गठबंधन की मजबूती पर आगामी लोकसभा चुनाव तक कोई संकट नहीं आने वाला. यह बात इसलिए कि सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कई बार आंसू बहा चुके हैं और कांग्रेस को कोस चुके हैं, वहीं कांग्रेस नेता कुमारस्वामी को अपना निशाना बनाते रहे हैं.
#FLASH: BJP's BY Raghavendra wins Shimoga parliamentary seat with a margin of 52148 votes. #KarnatakaByElections2018 (File Pic) pic.twitter.com/XmN8sL2vuA
— ANI (@ANI) November 6, 2018
अन्य राज्यों में गठबंधन को बेकरार होगी कांग्रेस
गठबंधन के नेतृत्व में कर्नाटक उपचुनाव में मिली जीत से कांग्रेस इसके लिए प्रेरित होगी. पार्टी और इसके नेता अन्य राज्यों में भी गठबंधन करने की कोशिश करेंगे. सबसे अधिक कोशिश उत्तर प्रदेश में होगी, जहां बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से अलग-अलग लड़ रहे हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन के लिए पहल की थी पर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को घास नहीं डाले थे. अब लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस दोनों दलों पर डोरे डालेगी, लेकिन उनका क्या जवाब होगा यह देखना बाकी है.
चुनावों में बेहतर तो उपचुनावों में प्रबंधन कमजोर
Definitely. In any democratic result, election process...people's mandate is very important. It's the direction to the people of this country: Karnataka Minister DK Shivakumar, when asked 'will it (#KarnatakaByElection2018) give a message to the whole nation before 2019 election' pic.twitter.com/nvgsPmqCsI
— ANI (@ANI) November 6, 2018
2014 के आम चुनाव के बाद से बीजेपी एक के बाद एक 21 राज्यों में सरकार बना चुकी है. आम तौर पर सभी राज्यों के चुनाव में बीजेपी हावी रही है. पिछले आम चुनाव में तो बीजेपी ने अपने प्रबंधन के बूते यूपी में 75 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं अगर उपचुनावों की बात करें तो मोदी सरकार के कार्यकाल में बहुत कम सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है. यूपी में ही गोरखपुर, फूलपुर और नूरपुर सीटों पर पार्टी अपनी सांसदी खो बैठी है. गोरखपुर सीट तो योगी आदित्यनाथ ने खाली किया था, जब उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. वहां भी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहरा दिया.
औसतन 67 फीसद हुआ था मतदान
पांचों सीटों पर औसतलन 67 फीसद मतदान हुआ था. ये उपचुनाव सत्तारूढ़ JDS (जनता दल सेक्यूलर) और कांग्रेस गठबंधन के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. बेल्लारी में 63.85 फीसद, मांड्या में 53.93 फीसद, शिमोगा में 61.05 फीसद, रामनगरम में 81.58 फीसद और जामखंडी सीट पर 73.71 फीसद वोट पड़े थे.
इनकी प्रतिष्ठा थीं दांव पर
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के पुत्र बीवाई राघवेंद्र शिमोगा लोकसभा सीट से मैदान में थे. लिहाजा येदियुरप्पा के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई थी. रामनगरम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की पत्नी अनिता कुमारस्वामी किस्मत आज़मा रही थीं. इस कारण मुख्यमंत्री के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई थी. उपचुनाव में सभी सीटों पर मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस-JDS गठबंधन तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच ही थी.
विधानसभा चुनावों में जीतकर भी हार गई थी बीजेपी
राज्य में इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर चुनाव में उभरी थी, लेकिन जादुई आंकड़े से पीछे रह गई थी. फिर भी बीजेपी की ओर से बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा किया था और राज्यपाल ने उन्हें आमंत्रित भी किया था. बीएस येदियुरप्पा ने सरकार बनाई. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था और आधी रात के बाद सुनवाई भी हुई थी. अंत में बहुमत साबित करने से पहले बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में JDS-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी थी.