पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'हिंदुत्व जीने का तरीका' वाले सुप्रीम कोर्ट के जज के फैसले को दोषयुक्त बताया जिसके बाद एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. मनमोहन सिंह के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ए.बी. बर्धन स्मृति व्याख्यान समारोह के दौरान बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि एक संस्थान के रूप में न्यायपालिका को, संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना की हिफाजत करने के प्राथमिक कर्तव्य की अपनी दृष्टि नहीं खोनी चाहिए. मनमोहन सिंह के इस बयान पर सवाल उठने लगे हैं कि धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस क्यों कंफ्यूज है.
इसी मुद्दे पर आज आपके लोकप्रिय चैनल न्यूज नेशन पर शाम पांच बजे खास शो 'बड़ा सवाल' में बहस होगी. इस बहस में आप भी ट्विटर और फेसबुक के जरिए हिस्सा लेकर एंकर अजय कुमार और मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं.
इस मुद्दे पर बहस के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह हमारे साथ जुड़ेंगे और इस पर अपनी राय देंगे. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया, पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर और संघ विचारक संगीत रागी जुड़ेंगे.
दरअसल मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जज जस्टिस जे एस वर्मा द्वारा 1990 के दशक में दिए गए फैसले पर अपनी विचार रखी थी. इस विवादास्पद फैसले में जे एस वर्मा ने हिंदुत्व को जीने का तरीका बताया था.
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए जस्टिस वर्मा के फैसले की आलोचना की कि इसने एक तरह से एक प्रकार की संवैधानिक पवित्रता को नुकसान पहुंचाया, जो देश की राजनीतिक बातचीत में बोम्मई फैसले के जरिए बहाल हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि धर्मनिरपेक्षता, संविधान का एक बुनियादी ढांचा है.
मनमोहन ने कहा कि जस्टिस वर्मा के फैसले का गणराज्य में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों और प्रथाओं के बारे में राजनीतिक दलों के बीच जारी बहस पर एक निर्णायक असर डाला है. सिंह ने कहा, 'इस फैसले ने हमारी राजनीतिक बातचीत को कुछ असंतुलित कर दिया, और कई लोग मानते हैं कि निस्संदेह इस फैसले को पलटने की जरूरत है.'
इस गंभीर मुद्दे पर आप भी आज के शो में शामिल मेहमानों और विशेषज्ञों से राय सवाल पूछ सकते हैं. @NewsStateHindi के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर ट्वीट पूछिए अपने सवाल.
#NNBadaSawaal : 'हिन्दुत्व एक जीवन शैली' पर सवाल क्यों, बड़ी बहस
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'हिंदुत्व जीने का तरीका' वाले सुप्रीम कोर्ट के जज के फैसले को दोषयुक्त बताया जिसके बाद एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है.
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'हिंदुत्व जीने का तरीका' वाले सुप्रीम कोर्ट के जज के फैसले को दोषयुक्त बताया जिसके बाद एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. मनमोहन सिंह के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ए.बी. बर्धन स्मृति व्याख्यान समारोह के दौरान बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि एक संस्थान के रूप में न्यायपालिका को, संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना की हिफाजत करने के प्राथमिक कर्तव्य की अपनी दृष्टि नहीं खोनी चाहिए. मनमोहन सिंह के इस बयान पर सवाल उठने लगे हैं कि धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस क्यों कंफ्यूज है.
इसी मुद्दे पर आज आपके लोकप्रिय चैनल न्यूज नेशन पर शाम पांच बजे खास शो 'बड़ा सवाल' में बहस होगी. इस बहस में आप भी ट्विटर और फेसबुक के जरिए हिस्सा लेकर एंकर अजय कुमार और मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं.
इस मुद्दे पर बहस के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह हमारे साथ जुड़ेंगे और इस पर अपनी राय देंगे. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया, पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर और संघ विचारक संगीत रागी जुड़ेंगे.
दरअसल मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जज जस्टिस जे एस वर्मा द्वारा 1990 के दशक में दिए गए फैसले पर अपनी विचार रखी थी. इस विवादास्पद फैसले में जे एस वर्मा ने हिंदुत्व को जीने का तरीका बताया था.
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए जस्टिस वर्मा के फैसले की आलोचना की कि इसने एक तरह से एक प्रकार की संवैधानिक पवित्रता को नुकसान पहुंचाया, जो देश की राजनीतिक बातचीत में बोम्मई फैसले के जरिए बहाल हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि धर्मनिरपेक्षता, संविधान का एक बुनियादी ढांचा है.
मनमोहन ने कहा कि जस्टिस वर्मा के फैसले का गणराज्य में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों और प्रथाओं के बारे में राजनीतिक दलों के बीच जारी बहस पर एक निर्णायक असर डाला है. सिंह ने कहा, 'इस फैसले ने हमारी राजनीतिक बातचीत को कुछ असंतुलित कर दिया, और कई लोग मानते हैं कि निस्संदेह इस फैसले को पलटने की जरूरत है.'
इस गंभीर मुद्दे पर आप भी आज के शो में शामिल मेहमानों और विशेषज्ञों से राय सवाल पूछ सकते हैं. @NewsStateHindi के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर ट्वीट पूछिए अपने सवाल.