असम की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। हालांकि यह वारंट जमानती है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और कारबी एंग्लोंग ऑटोनोमस काउंसिल के कार्यकारी सदस्य सुरजय रोंगफर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े करने को लेकर पिछले साल दिसंबर में केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
दिफु जिला अदालत ने इससे पहले केजरीवाल को 30 जनवरी को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश नब कुमार डेका बरुआ ने केजरीवाल के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया।
मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी, जिसमें केजरीवाल को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होना होगा।
अदालत ने कहा कि उनके पास केजरीवाल के वकील गुरप्रीत सिंह उप्पल की याचिका है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के कारण वह अदालत में पेश नहीं हो सकते।
अदालत ने कहा कि आरोपी केजरीवाल पहले भी अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे और उन्होंने मामले को दो महीने के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था।
क्या है मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाये थे। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) को चिट्ठी लिखकर पीएम की शिक्षा से जुड़ी जानकारी सावर्जनिक करने की मांग की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इनदिनों एमसीडी चुनाव में व्यस्त हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने निर्वाचन आयोग के 2006 से पहले निर्मित ईवीएम के दिल्ली नगर निगम चुनाव में इस्तेमाल किए जाने पर सवाल उठाया। केजरीवाल ने कहा कि इन ईवीएम में सुरक्षा संबंधी विशेषताएं नहीं हैं।
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HIGHLIGHTS
- असम की एक अदालत ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए जमानती वारंट किया जारी
- पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी के मामले में केजरीवाल के खिलाफ दायर है मुकदमा
- अरविंद केजरीवाल कोर्ट में हाजिर नहीं हुए जिसके बाद कोर्ट ने जारी किया वारंट
Source : News Nation Bureau