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'Xmas पर हिंदू अगर चर्च गए... तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी'

मिठू नाथ ने 3 दिसंबर को एक बैठक में कहा था, 'किसी भी हिंदू को क्रिसमस के दौरान चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी'.

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Nihar Saxena
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Mithu Nath

बजरंग दल की धमकी के बाद समाज में दहशत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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ईसाइयों के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस से पहले दक्षिण असम में एक नया विवाद तूल पकड़ता दिख रहा है. दक्षिणी असम की बराक घाटी में बजरंग दल ने क्रिसमस पर चर्च जाने वाले हिंदुओं को ऐसा करने पर भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है. बजरंग दल की यह तीखी चेतावनी शिलांग में खासी स्टूडेंट यूनियन द्वारा विवेकानंद कल्चरल सेंटर की कथित तौर पर तालाबंदी की घटना के बाद आई है. बजरंग दल ने दो टूक शब्दों में कहा है कि उन्हें मालूम है कि 26 दिसंबर को मीडिया उन्हें गुंडा करार देगा, लेकिन इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता है.

विवेकानंद कल्चरल सेंटर पर तालाबंदी की प्रतिक्रिया
अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' में प्रकाशित खबर के अनुसार क्रिसमस पर चर्च जाने वाले हिंदुओं को यह चेतावनी कचार जिले के बजरंग दल महासचिव मिठू नाथ ने दी है. मिठू नाथ ने साफतौर पर इस चेतावनी को शिलांग में रामकृष्ण मिशन के विवेकानंद कल्चरल सेंटर में खासी छात्रों की कथित तालाबंदी का परिणाम बताया. इस बाबत मिठू नाथ का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद कचार जिले की डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली ने स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं. 

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पहले मंदिर खोलें फिर चर्च खुलेंगे
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बजरंग दल के प्रभारी मिठू नाथ ने 3 दिसंबर को एक बैठक में कहा था, 'किसी भी हिंदू को क्रिसमस के दौरान चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी'. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो में वे क्रिसमस के जश्न में शामिल होने वाले हिंदुओं की निंदा करते सुनाई देते हैं. नाथ ने विवेकानंद केंद्र के गेट पर तालेबंदी का जिक्र करते हुए कहा, 'आप पहले मंदिर खोलिए, फिर हम चर्च चलाने की अनुमति देंगे. अगर आप मंदिर को बंद करते हैं, तो हम चर्च को खोलने की अनुमति नहीं देंगे.'

पुलिस ने शुरू की जांच
अब असम पुलिस स्थानीय बजरंग दल के नेता के कथित तौर पर दिए गए उकसाने वाले भाषण को लेकर जांच कर रही है, जिसमें उसने क्रिसमस के जश्न के दौरान चर्च जाने वाले हिंदुओं को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. कचार जिले के एसपी भंवर लाल मीणा ने रविवार को कहा, 'विभिन्न प्लेटफार्मों पर दिखाई देने वाली बजरंग दल द्वारा दी गई कथित धमकी के बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी. फिर भी हम मामले की सावधानीपूर्वक और पूरी गंभीरता के साथ जांच चल रही है.'

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मीडिया बताएगा गुंडा...फर्क नहीं पड़ता
वहीं मीडिया के एक हिस्से ने यहां के डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली के हवाले से कहा कि जिला प्रशासन ने पुलिस से बजरंग दल के एक नेता द्वारा कथित तौर पर दिए गए भड़काऊ भाषण की जांच करने के लिए कहा है. यह भाषण क्रिसमस के मौके पर चर्च जाने वाले हिंदुओं को धमकाने वाला है. नाथ वीडियो में कहते सुनाई देते हैं, '26 दिसंबर की हेडलाइन मुझे अभी से मालूम है...बजरंग दल के गुंडों ने फलां जगह तोड़फोड़ की या फलां को पीटा, लेकिन वास्तव में हमें इससे रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ता है.' 

समाज में दहशत का माहौल
जाहिर है कि समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने बजरंग दल के नेता की कथित धमकी की निंदा की है. गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के 3 राज्यों मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में अधिकांश लोग ईसाई हैं. वहीं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों असम, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बहुसंख्यक लोग या तो हिंदू, मुस्लिम या बौद्ध हैं. यहां ईसाई आबादी बहुत कम है. ऐसी स्थिति में मिठू नाथत के बयान से विभिन्न तबकों में दहशत का माहौल है. 

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