जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का 42वां सत्र चल रहा है. इस दौरान बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के तीव्र उल्लंघन को उजागर करते हुए बैनर सोमवार को कार्यक्रम स्थल के सामने दिखाई दिए. पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूचिस्तान के लोगों ने इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामने क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के 'अत्याचारों' को उजागर करते हुए अपनी बात रखी थी. वरिष्ठ बलूच कार्यकर्ता करीमा बलूच ने मार्च महीने में ही इस मंच से इस बात को उजागर किया था कि पाकिस्तान की सेना कई दशकों से बलूच प्रांत में स्थानीय लोगों का कत्लेआम करती आ रही है.
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उन्होंने कहा था, "बलूच लोगों के मानवाधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जाना चाहिए और अपराधियों को न्याय का सामना करवाना चाहिए. करीमा ने कहा कि दुनिया को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और एक अंतर्राष्ट्रीय जांच इस बाबत शुरू करानी चाहिए. पाकिस्तान द्वारा उन पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में सिर्फ जिनेवा में ही नहीं दुनिया के दूसरे स्थानों पर भी बलूच लोगों ने अपनी बातें रखी हैं. इनमें ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.
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बलूच कार्यकर्ता अशरफ बलूच ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक युवा लड़की को देखा जा सकता है. वह पाकिस्तानी सेना द्वारा उसके परिजनों को गायब किए जाने की बात कह रही है. वीडियो के कैप्शन में अशरफ ने कहा, "पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कश्मीर की चिंता है, लेकिन खुद पाकिस्तान, बलूचिस्तान के लोगों के साथ क्या कर रहा है, उसका क्या."