प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक फ्रॉड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुजरात की एक फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप की 4,701 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है।
ईडी के मुताबिक, कंपनी पर 5,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
अधिकारी ने कहा, 'एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग निषेध एक्ट (पीएमएलए) के तहत संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। वडोदरा स्थित कंपनी की 4000 एकड़ की अचल संपत्ति, प्लांट और मशीनरी, करीब 200 बैंक अकाउंट, 6.67 करोड़ रुपये के शेयर और कई लक्जरी कार जब्त की गई है।'
इस साल पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी ने अब तक की सबसे बड़ी संपत्ति को जब्त किया है।
अधिकारी ने कहा कि ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में इस कंपनी और इसके प्रोमोटर नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक केस दर्ज किया था।
ईडी ने सीबीआई के एफआईआर के आधार पर कंपनी के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
मामला दर्ज होने के बाद देश भर में कंपनी के 50 ठिकानों पर तलाशी ली गई थी।
जांच एजेंसी ने कहा है कि कंपनी ने कई बैंकों से फर्जी कागजातों के आधार पर धोखाधड़ी कर 5,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया था जो कि अब एनपीए में बदल चुका है।
यह कर्ज आंध्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए थे।
एजेंसी ने इस मामले में अब तक दिल्ली के बिजनेस मैन गगन धवन, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और स्टर्लिगं बायोटेक लिमिटेड के निदेशक राजभूषण दीक्षित को गिरफ्तार किया है।
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Source : News Nation Bureau