सार्वजनिक बैंकों के कुछ कर्मचारी 8 और 9 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे. उन्होंने सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में यह निर्णय लिया है.
आईडीबीआई बैंक ने बंबई शेयर बाजार को बताया है कि ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) ने आठ और नौ जनवरी के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बारे में इंडियन बैंक एसोसिएशन को सूचित किया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बंबई शेयर बाजार को अलग से सूचित किया है कि 8 और 9 जनवरी को एआईबीईए और बीईएफआई के हड़ताल के कारण कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं एवं कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है.
दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों इंटक, ऐटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा ने भी 8 और 9 जनवरी को आम राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
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भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से सम्बद्ध बैंकिंग यूनियन नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) के उपाध्यक्ष अश्विन राणा ने कहा कि बीएमएस इस हड़ताल में शामिल नहीं है क्यों कि यह राजनैतिक हडताल है इस लिए एनओबीडब्ल्यू से संबंधित अन्य यूनियनें हड़ताल में शामिल नहीं होंगी.
26 दिसंबर को भी था कामकाज ठप
इससे पहले 26 दिसंबर को विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के विरोध में सरकारी बैंकों की शाखाओं की बैंकिंग सेवाएं देश भर में बुधवार को बैंक यूनियनों की हड़ताल के कारण बाधित रही थी. इस दौरान सभी बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर थे.
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26 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन इसलिए था क्योंकि इससे बैंकों के विलय से कर्मियों के नौकरियों पर असर पड़ सकता है और बैंक की कई शाखाएं भी बंद हो जाएगी. एक दिवसीय हड़ताल में बैंक कर्मियों ने वेतन संशोधन की भी मांग की थी.
Source : News Nation Bureau