बरेली की एक अदालत ने तीन तलाक मामले में पीड़िता निदा ख़ान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने निदा ख़ान को दिए गए तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया है। इसके साथ ही शौहर पर घरेलू हिंसा का मुकदमा जारी रखने को कहा है।
निदा ख़ान के शौहर शीरान रजा खां ने घरेलू हिंसा केस पर स्टे लगाने की मांग की थी। शीरान की तरफ से यह दलील दी गई थी कि निदा को तलाक देकर और उन्हें मेहर और इद्दत के दौरान उनके खर्च के लिए जरूरी रकम दे चुके हैं। ऐसे में घरेलू हिंसा का मामला नहीं बनता है।
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लेकिन एसीजेएम कोर्ट ने शीरान की अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि कहा कि शीरान के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला जारी रहेगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
निदा ख़ान के खिलाफ फतवा जारी
तीन तलाक और हलाला पीड़ित महिलाओं की आवाज बनीं निदा ख़ान के खिलाफ सोमवार को बरेली के प्रतिष्ठित आला हजरत दहगाह ने एक फतवा जारी किया है। इस फतवे में उन्हें इस्लाम से बाहर करने का ऐलान किया गया है।
निदा के खिलाफ जारी फतवा में कही गई हैं ये बातें
निदा ख़ान के खिलाफ बरेली के प्रभावशाली और ताकतवर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया है कि, ' अगर निदा बीमार पड़ती है तो उन्हें कोई दवा नहीं देगा।' अगर निदा की मौत हो जाती है तो ना तो कोई उनके जनाजे में शामिल होगा और ना ही कोई नमाज अदा करेगा।' इसके साथ ही फतवे में कहा गया है कि, 'अगर कोई निदा की मदद करता है तो उसे भी सजा मिलेगी।'
मुफ्ती खुर्शीद ने निदा खान को तब तक इस्लाम से बाहर किया है जब तक की वो सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेती और तीन तलाक और हलाला को लेकर अपनी लड़ाई नहीं छोड़ देती हैं।
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निदा ख़ान को शीरान ने 2016 में दिया था तलाक
गौरतलब है कि निदा खान की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा के बेटे शीरान से 16 जुलाई 2015 को हुई थी। 5 फरवरी 2016 को शीरान ने निदा को तीन तलाक दे दिया था। निदा ने अपने पति पर आरोप लगा था कि साल 2015 में शीरान ने उसके साथ मारपीट की थी। जिसकी वजह से उसका गर्भपात हो गया था। इस घटना के बाद से ही निदा तीन तलाक और निकाह हलाला के खिलाफ मुहिम चला रही हैं।
Source : News Nation Bureau