बाटला हाउस मुठभेड़ के 13 साल बाद दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या और अन्य अपराधों के दोषी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने मौत की सजा सुनाते हुए इसे 'दुर्लभतम मामला' बताया. अभियोजन पक्ष ने मामले में आरिज खान के लिए मृत्युदंड की मांग की थी, जबकि उसके वकील ने उसकी कम उम्र का हवाला देते हुए कोर्ट से उदारता दिखाने की पैरवी की थी. अदालत ने यह देखते हुए कि उसने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की थी, 8 मार्च को इस मामले में आरिज खान को दोषी ठहराया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा था कि आरिज खान ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिशन इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या की थी.
19 सितंबर 2008 को एनकाउंटर के वक्त जामिया नगर के बाटला हाउस स्थित फ्लैट नंबर एल-18 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकवादी थे. इन आतंकियों के नाम आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद - आतिफ जामिया विश्विद्यालय का छात्र था. पुलिस के मुताबिक उसने फर्जी सार्टिफिकेट के आधार पर एडमिशन लिया था. जबकि 14 साल का मोहम्मद साजिद 11 वीं की पढ़ाई के लिए दिल्ली आया था और वह बटला हाउस के फ्लैट में अमीन के साथ ठहरा था. मुठभेड़ के दौरान जब पुलिस टीम पर गोलीबारी हुई तो पुलिसिया कार्रवाई में मोहम्मद सैफ और शहजाद दोनों आतंकी ढेर हो गए थे, जबकि एनकाउंटर के बाद शहजाद भागने मे कामयाब रहा. पुलिस ने मोहम्मद सैफ नाम के आतंकी को गिरफ्तार कर लिया. गहन पूछताछ के बाद सैफ ने शहजाद का पता बताया.
एटीएस ने आजमगढ़ से किया गिरफ्तार
आरिज खान घटना के बाद पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका जिसके बाद पुलिस ने आरिज़ खान को भगोड़ा घोषित कर दिया. आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने साल 2018 में गिरफ्तार किया था. आरिज को 2018 में नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया गया था. आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या के लिए दोषी पाया गया है.
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बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद फरार था आरिज
बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद आरिज कथित रूप से फरार चल रहा था. लगभग एक दशक बाद फरवरी, 2018 में उसे गिरफ्तार किया गया था. आरिज को धारा 186 (अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाना), 333 (किसी को कष्ट देने की गंभीर साजिश), 353 (लोक सेवक पर आपराधिक हमला), 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है. उसे भारतीय दंड संहिता की 277, 174 ए, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया है.
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ये था पूरा मामला
19 सितंबर, 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ जामिया नगर के बाटला हाउस में मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादियों और इंस्पेक्टर शर्मा की मौत हो गई थी. आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है. पुलिस ने दावा किया कि वह चार अन्य लोगों के साथ बाटला हाउस में मौजूद था, और मुठभेड़ के दौरान पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा. बाटला हाउस के अपार्टमेंट में रहने वाले पांच लोगों में से मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन मुठभेड़ के दौरान मारे गए, जबकि जुनैद और शहजाद अहमद भाग गए और सालों बाद पकड़े गए. मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
HIGHLIGHTS
- 19 सितंबर, 2008 को हुआ था बाटला हाउस एनकाउंटर
- बाटला हाउस स्थित फ्लैट नंबर एल-18 में 5 आतंकी थे
- पुलिस ने एनकाउंटर में दो आतंकियों को ढेर कर दिया था