जम्मू कश्मीर में एलओसी के अंदर घुसकर भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो दस्ते ने करीब 38 आतंकियों को मार गिराया और उनके 7 लॉन्चिंग पैड को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। भारतीय सेना के इस कदम की पूरे देश में नेता से लेकर आम लोग तक तारीफ कर रहे हैं लेकिन इसके बाद दोनों देशों के सेनाओं में बढ़े तनाव को देखते हुए पंजाब के वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह को भारत सरकार ने कैंसिल कर दिया है।
क्या होता है बीटिंग रिट्रीट ?
दोनों देशों के बीच बीटिंग रिट्रीट समारोह की शुरुआत साल 1959 में हुई थी लेकिन 1965 और 1961 के युद्ध के दौरान इसे बंद कर दिया गया था। ये समारोह दोनों देशों के सेनाओं के बीच बेहद तनाव में होता है। करीब 156 सेकंड चलने वाले इस रिट्रीट समारोह में दोनों देशों के जवान मार्च करते हुए बॉर्डर तक आते हैं।
पाकिस्तान की तरफ से पाक रेंजर्स और भारत की ओर से बीएसएफ के जवान इसमें हिस्सा लेते हैं। इस दौरान दोनों देशों के सैनिक नाक से नाक की बराबरी तक आते हैं। मार्च के दौरान जो जवान अपने पैर को जितना ऊंचा ले जाते हैं, उसे उतना बेहतर माना जाता है।
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दोनों देशों के जवानों की जोशभरी आवाज और परेड की धमक से कुछ ऐसा माहौल बन जाता है कि सेरेमनी देखने वाले जोश और देशभक्ति से भर उठते हैं और अपने अपने देश के समर्थन में नारे लगाने लगते हैं।
इसके बाद दोनों देश के जवान अपने-अपने झंडे को उतारते हैं और बेहद गुस्से में एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं और सीमा पर लगे अपने-अपने दरवाजे को एक झटके में बंद करते हैं। बीएसएफ को इस रिट्रीट के लिए स्पेशल जूते दिए जाते है ताकि वो बीटिंग रिट्रीट में पाकिस्तान से ज्यााद अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
Source : News Nation Bureau