पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले दुष्कर्म और हत्या के आरोपों में सजा काट रहे सिरसा के डेरा सच्चा-सौदा प्रमुख राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिल गई है. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राम रहीम आज देर शाम तक रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकलकर अपने डेरे पहुंच जाएंगा. ऐन मतदान से पहले इस फरलो के कई राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं. बताते हैं कि इसके पहले राम रहीम का 25 जनवरी को एक पत्र अऩुयायियों के बीच पढ़ा गया था, जिसमें उसने जल्द उनके बीच पहुंचने की बात की थी फरलो की स्वीकृति मिलते ही डेरा सच्चा-सौदा के पास सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जा रही है.
राम रहीम को साध्वी दुष्कर्म मामले में पंचकूला की अदालत में 25 अगस्त 2017 को पेश किया गया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए सुनारिया जेल में भेजा था. 27 अगस्त को इस मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में ही सीबीआई अदालत लगाई गई, जिसमें राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई. पत्रकार हत्याकांड में भी राम रहीम को दोषी करार दिया गया. फरलो एक तरह की छुट्टी होती है जिसमें सजायाफ्ता बंदियों को तय समय के लिए छुट्टी मिलती है जिसमें वे अपने घर जा सकते हैं लेकिन वे बताई गई जगह के अलावा कहीं भी नहीं आ जा सकते हैं.
अब उसे 21 दिन की जेल से छुट्टी यानी फरलो की स्वीकृति से पहले राम रहीम को अलग-अलग वजहों से पैरोल तो मिली है, लेकिन 21 दिनों की फरलो पहली बार मिली है. राम रहीम को फरलो को कई चीजों से जोड़कर देखा जा रहा है. राम रहीम पहली बार सिरसा डेरा पहुंचेंगे. सिरसा डेरे पर भी अनुयायियों का जुड़ना शुरू हो गया है. राजनीतिक निहितार्थ के बीच सीएम मनोहर खट्टर ने इसे एक महज संयोग बताया है. उनका कहना है कि नियमों के अऩुसार की किसी को फरलो मिलता है. ऐसे में इसे राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाए.
HIGHLIGHTS
- अब 21 दिन की छुट्टी के निकाले जा रहे हैं राजनीतिक निहितार्थ
- सीएम खट्टर ने कानूनी प्रक्रिया बता खारिज किए कयास