एक तरफ कांग्रेस (Congress) पार्टी चुनावी मौसम से पहले अपनी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के साथ भारत भर में अपने जनाधार को पुनर्जीवित करने के तेज प्रयास कर रही है, तो राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच मतभेदों की दरार और चौड़ी होते दिख रही है. इस हफ्ते दोनों नेताओं की ओर से सार्वजनिक रूप से की गई टिप्पणियों ने सत्तारूढ़ ग्रैंड ओल्ड पार्टी को प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर ला दिया है. वह भी राज्य में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने से महीनों पहले. पेपर लीक मामले की जांच पर अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमले के रूप में पायलट की 'जादूगर' टिप्पणी के बाद गहलोत की 'पार्टी में कोरोना' बयान पर भाजपा के नेताओं ने निशाना साधा है.
बीजेपी के निशाने पर आए गहलोत और उनकी सरकार
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता जीएस शेखावत ने इस रार पर कहा, 'अब जब पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक अपनी ही पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं तो सरकार के मुखिया और उनके नेताओं को जनता का दर्द समझना चाहिए.' समाचार एजेंसी एएनआई ने नेता जीएस शेखावत के हवाले से कहा, 'सिर्फ सचिन पायलट ने ही सवाल नहीं उठाए हैं. अशोक गहलोत के मंत्री और विधायक अपनी सरकार पर सवाल उठाते रहते हैं. राज्य सरकार और उसके प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं, लेकिन राज्य के मंत्रियों और विधायकों ने बुलबुला फोड़ दिया.' इसके पहले भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो पोस्ट कर राहुल गांधी से देश को एक करने की कोशिश करने से पहले अपनी पार्टी में एका कराने की सलाह दी थी.
निकम्मा के बाद पायलट को बड़ा कोरोना बताया गहलोत ने
अशोक गहलोत की इस टीका-टिप्पणी पर सचिन पायलट के समर्थक भी सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक और पायलट के वफादार वेद प्रकाश सोलंकी ने मुख्यमंत्री के जवाब में कहा, 'अगर कोरोनावायरस फैल गया है, तो टीकाकरण की जरूरत है. अगर सही समय पर सही टीका नहीं आया, तो परिणाम पूरे राजस्थान के लिए घातक होंगे.' गौरतलब है कि एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार में पायलट को 'निकम्मा कहने के महीनों बाद गहलोत ने इस सप्ताह की शुरुआत में 'बड़े कोरोनोवायरस ने पार्टी में प्रवेश कर लिया है' सरीखी टिप्पणी की थी. राज्य में कांग्रेस सीएम की टिप्पणी पर सहयोगियों ने हंस कर अपना समर्थन दिया था.
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पायलट भी गहलोत की बगैर नाम लिए उतार रहे हैं इज्जत
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. इसके बाद एक कार्यक्रम में सचिन पायलट ने इन दावों पर सवाल उठाया कि पेपर लीक मामले में कोई सरकारी अधिकारी शामिल नहीं था. पायलट ने तंज कसते हुए कहा, 'अरे कहा जा रहा है कोई अधिकारी, कोई नेता इसमें शामिल नहीं था.. तो पेपर की कॉपी तो तिजोरी में होती है... ये तो जादूगरी हो गई. कोई जादू ही होगा.' शुक्रवार को वह एक बार फिर हमले तेज करते नजर आए. उन्होंने एक सभा में कहा, 'जब आप सम्मान देते हैं तो आपको सम्मान मिलता है.' इस दौरान सचिन ने भीड़ से उनके खिलाफ इस्तेमाल होने वाले शब्दों के बारे में भी पूछा और फिर कहा, 'आप एक बार जो कहते हैं उसे वापस नहीं ले सकते.' पायलट ने आगे कहा, 'जब चुनाव आते हैं, तो हम एक-दूसरे का विरोध करते हैं. यह विरोध मुद्दों के आधार पर किया जाना चाहिए. पिछले पांच दिनों में मैंने जिन विषयों पर बात की, वे किसानों और युवाओं के मुद्दों पर केंद्रित थी. किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं थे. व्यक्तिगत हमलों में लिप्त होना और अभद्र भाषा बोलना आसान है.'
HIGHLIGHTS
- 'निकम्मा' के बाद अशोक गहलोत ने सचिन को बताया 'बड़ा कोरोना'
- जवाब में पायट ने भी बगैर नाम लिए भारी भीड़ के आगे उतारी इज्जत
- विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस में आंतरिक रार बढ़ी