तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके माणिक भट्टाचार्य की न्यायिक हिरासत को 14 दिन के लिए के बढ़ाया गया है. ये अब 24 नवंबर तक बढ़ गई है. प्रवर्तन निदेशालय की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में उनका नाम सामने आया था. स्वास्थ्य को आधार बनाकर उनके वकीलों ने जमानत की मांग की थी. भट्टाचार्य के वकील ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर उनके मुवक्किल को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने की मांग की थी.
हालांकि ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने जमानत याचिका का विरोध किया. 2014 में भर्ती परीक्षा में योग्य नहीं होने के बावजूद प्राथमिक शिक्षकों के रूप में 325 उम्मीदवारों को काम पर रखने के मामले में जांच चल रही है. एडुल्जी ने तर्क दिया कि केंद्रीय एजेंसी को इस विशेष घोटाले में भट्टाचार्य की संलिप्तता की गहराई से जांच की जाने की आवश्यकता है. इसके लिए ईडी के अफसरों को उनसे पूछताछ करनी चाहिए.
ईडी के वकील ने कोर्ट में कुछ दस्तावेजों को पेश किया है. इसमें भट्टाचार्य के साथ उनके बेटे और रिश्तेदारों के खातों में कई निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से 20.73 करोड़ रुपये भारीभरकम राशि हस्तांतरित की गई थी. इस मामले में निजी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों के एक छात्र संगठन, ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मंडल द्वारा ईडी को दिए बयान का भी हवाला दिया. यहां उन्होंने कहा कि यह ऑफलाइन पंजीकरण शुल्क था. भट्टाचार्य के आदेश पर बोर्ड कार्यालय भेजा गया था. कोर्ट ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद भट्टाचार्य को 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है.
Source : News Nation Bureau