Bengaluru Water Crisis: ग्लोबल वॉर्मिंग का दंश पूरी दुनिया झेल रही है. इसकी वजह से कई शहरें डूब गई. वहीं, ऐसे जगह जो अब रेगिस्तान का हिस्सा बन गया. इसी क्रम में पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2025 के बाद बेंगलुरु से भूमिगत जल खत्म हो जाएगा. वहीं, इसका असर अभी से ही शुरू हो गया है. बेंगलुरु देश का पहला ऐसा शहर है जहां पानी की कमी की वजह से स्कूल को बंद करने का ऐलान करना पड़ा. फिलहाल समाधान के रूप में स्कूल ने ऑनलाइन मोड में पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया है. मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के विजयनगर इलाके का है.
बेंगलुरु के विजयनगर एरिया में एक कोचिंग सेंटर ने अपने सभी छात्रों से अपील करते हुए कोचिंग बंद रखने का फैसला किया है. हालांकि ऑनलाइन मोड में छात्रों की पढ़ाई जारी रहेगी. ठीक इसी तरह बन्नेरघट्टा मार्ग के एक स्कूल ने भी अपना स्कूल बंद करने का निर्णय किया है. वहीं, छात्रों को कोई परेशानी न हो इसके लिए ऑनलाइन क्लास चालू रखने का फैसला किया है. आपको बता दें कि साल 2023 में पूरे कर्नाटक में कम बारिश हुई थी. वहीं, राजधानी बेंगलुरु का हाल उससे भी बुरा रहा. जिसकी वजह से हाल के दिन में पानी का संकट देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग ने इसके पीछे की वजह अलनीनो को बताया है.
सीएम सिद्धरमैया भी नहीं बचे
पानी का संकट सिर्फ इस स्कूल पर ही नहीं कर्नाटक के सीएम आवास पर भी हुआ है. कर्नाटक सीएम सिद्धरमैया का आवास पर भी टैंकर जाते हुए दिखाई दिया है. आपको बता दें कि बेंगलुरु के कुमारकृपा रोड में है. इतना ही नहीं, डीप्टी सीएम डीके शिवकुमार के घर पर भी ऐसा ही मंजर देखने को मिला है. इस मामले डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु के सदाशिवनगर में स्थित उनके आवास पर बना बोरवेल पहली बार सूख गया है. आपको बता दें कि उनका घर सैंकी झील के पास ही है. उसके बाद भी ऐसा हो गया है. पानी की किल्लत होने की वजह से यहां दिनभर पानी के टैंकरों का चक्कर लग रहा है.
टैंकर मालिकों का मनमाना रेट
डीके शिवकुमार का कहना है कि आम दिनों में एक पानी के टैंकर की कीमत 700 से 800 रुपए लेता था. लेकिन, मांग को देखते हुए अब टैंकर मालिको ने इसकी कीमत बढ़ाकर 1500 से 1800 रुपए कर दिया है. वहां एक निवासी का कहना है कि हमारे परिवार में 6 मेंबर हैं. सही तरीके से उपयोग करने पर एक टैंकर पानी 5 दिन चलता है. इस हिसाब से हर महीने उन्हें 6 टैंकर की जरूरत होगी यानी एक महीने की पानी के लिए 9 हजार रुपए खर्च करने होंगे. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार अब पानी टैंकरों की मनमानी को रोकने के लिए सरकारी रेट तय करने पर विचार कर रही है.
Source : News Nation Bureau