राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में मंगलवार को न्यूनतम तापमान (Cold) गिरकर 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता (AQI) मंगलवार को फिर से 'बहुत खराब' श्रेणी में चली गई है. इसमें पिछले 24 घंटे के दौरान मामूली सुधार दर्ज किया गया था. सोमवार को तेज हवा चलने से प्रदूषकों के छितराव में मदद मिली थी और वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ था. रात की स्थिर स्थितियों के कारण प्रदूषक जमा हो गए. शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 10 बजे 332 दर्ज किया गया. 24 घंटे का औसत एक्यूआई 293 था जो खराब श्रेणी में आता है.
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यही हाल रहा तो जारी हो जाएगी शीत लहर की सूचना
आईएमडी क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी रही. अगले चार से पांच दिन तक यही स्थिति रहने की संभावना है.’ आईएमडी ने अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान के सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होकर 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहने के साथ ही शीत लहर चलने का पूर्वानुमान लगाया है. श्रीवास्तव ने कहा, ‘बुधवार को भी यहीं स्थिति बनी रही तो हम दिल्ली में शीत लहर की घोषणा करेंगे’. उन्होंने कहा कि नवंबर माह मौसम के पिछले चार-पांच साल की तुलना में सबसे ठंडा रहने की संभावना है. दरअसल बादल लौट रही कुछ ‘इंफ्रारेड’ विकिरणों को सोख लेते हैं और उन्हें वापस धरती पर भेजे देते हैं, जिससे धरातल गर्म रहता है. श्रीवास्तव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में पिछले तीन-चार दिनों में बर्फबारी हुई है, इसलिए उस क्षेत्र की ठंडी हवा का दिल्ली के मौसम पर असर पड़ रहा है.
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कल-परसों और जहरीली होगी हवा
इस बीच रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 था. दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की भागीदारी 40 प्रतिशत रही. इसका प्रभाव मंगलवार और बुधवार को दिल्ली-एनसीआर और उत्तर पश्चिम भारत की वायु गुणवत्ता पर पड़ने की आशंका है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी.
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दिवाली पर सिर्फ ग्रीन पटाखे
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मंगलवार को हवा की दिशा मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी थी और अधिकतम गति आठ किलोमीटर प्रति घंटे की थी. शहर में न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो इस मौसम में सबसे कम है. हल्की हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक जमीन के निकट रहते हैं, जबकि वायु की अनुकूल रफ्तार के कारण इनके बिखराव में मदद मिलती है. प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के 2018 के फैसले के मुताबिक दिल्ली में सिर्फ ग्रीन पटाखे बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने की इजाजत है.