रूस के उप प्रधानमंत्री युरी बोरीसोव ने रविवार को कहा है कि एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (S-400) को तय शेड्यूल के तहत भारत पहुंचाया जाएगा. युरी ने समाचार एजेंसी रोसिया-1 से बात करते हुए कहा, 'एडवांस राशि मिल गई है इसलिए तय समय के मुताबिक इसकी डिलीवरी की जाएगी. इसमें 18 से 19 महीने लगेंगे.' बीते महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने समकक्ष सरगे लावरोव से द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने के लिए मॉस्को गए थे.
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5.43 डॉलर की है डील
बता दें कि भारत ने रूस के साथ 5.43 बिलियन यूएस डॉलर की डील की है. यह डील 5 एस-400 सिस्टम को खरीदने के लिए की गई है. बीते साल 5 अक्टूबर को 19वीं भारत-रूस सालाना द्विपक्षीय समिट में यह डील की गई थी. गौरतलब है कि एस-400 रूस का सबसे आधुनिक मिसाइल रक्षा तंत्र है. पिछले साल रूस के साथ इस समझौते पर दस्तखत हुए थे. इसे अमेरिका के थाड सिस्टम से भी बेहतर माना जाता है. यह परमाणु क्षमता वाली 36 मिसाइलों को एक साथ नष्ट कर सकता है. यह चार सौ किलोमीटर की दूरी तक और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक किसी भी मिसाइल या एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम है.
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S-400 की खास बातें
S-400 मिसाइल सिस्टम्स के जरिए भारत 380 किलोमीटर की दूरी तक बॉम्बर्स, जेट्स, स्पाई प्लेन्स, मिसाइलों और ड्रोन्स के अटैक को ट्रेस कर सकेगा और उन्हें नेस्तनाबूद कर सकेगा.
- 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना साध सकती है यह मिसाइल.
- 100 से 300 हवाई टारगेट को भांप सकती है यह मिसाइल.
- 600 किलोमीटर दूर तक निगरानी करने की है क्षमता.
- 400 किलोमीटर तक मिसाइल को मार गिराने की क्षमता.
- 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना लगा सकती है 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर.
- 3 एस-400 से पाकिस्तान के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान एफ-35 को भी मार गिराने की क्षमता.
- 5 मिनट के भीतर इस मिसाइल प्रणाली को तैनात किया जा सकता है.
- एस-400 एक ऐसी प्रणाली है जो बैलेस्टिक मिसाइलों से बचाव करती है.