Jain Dharm: जीवन में पैसे की जरूरत हर किसी को होती है लोग इसके लिए हर वो काम करते हैं जिससे उनके पास धन में इजाफा होता रहे. लेकिन गुजरात के साबरकांठा में एक अलग ही मामला देखने को मिला है. यहां एक व्यवसायी भावेश भाई भंडारी और उसकी पत्नी जीनलबेन ने भौतिक जीवन को छोड़ देने का निर्णय किया है. ये दोनों साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के रहने वाले हैं. आपको बता दें कि व्यवसायी कपल ने मोह माया को त्याग कर दीक्षा लेने जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट की माने तो कपल 22 अप्रैल को अहमदाबाद रिवरफ्रंट पर दीक्षा लेने जा रहे हैं. इसके साथ ही दंपती ने अपनी सारी प्रोपर्टी दान करने का ऐलान कर चूके हैं.
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं जब भंडारी परिवार की ओर से ये फैसला किया गया है. दो साल पहले उनके बेटे जिसकी उम्र 16 थी और उनकी बेटी जिसकी उम्र 19 साल थी ने दुनिया के सारे सुख सुविधाएं और मोह माया को छोड़ दिया था. इतना ही नहीं साल 2022 में लड़के और लड़की ने सूरत में दीक्षा लेने का भी काम किया. इस कार्यक्रम के बाद बेटे का नाम बदलकर सात्विक तिलक और बेटी का नाम साध्वी जी नंदिता श्रीजी बदलकर हो गया है. अब भंडारी दंपत्ति ने अपने बच्चों के रास्ते पर चलते हुए संसारिक जीवन को त्याग दिया है.
200 करोड़ दान
आपको बता दें कि जैन समुदाय की ओर से इस साल अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट में दीक्षा लेने वाले के लिए बड़ा कार्यक्रम किया गया है. इसी कार्यक्रम के दौरान हिम्मतनगर के रहने वाले संघवी भंडारी परिवार ने दीक्षा ली. भावेशभाई और उनकी वाइफ जीनलबेन के पास करोड़ो की प्रोपर्टी है. लेकिन उन्होंने अपनी 200 करोड़ की संपत्ति को दान करने में कोई झिझक नहीं दिखाई और एक ही झटके में सब कुछ दान कर दिया. आपको बता दें कि बिजनेसमेन फैमली के पास अहमदाबाद और हिम्मतनगर में करोड़ों की प्रोपर्टी मौजूद है.
22 अप्रैल अहम दिन
मीडिया रिपोर्ट की माने तो भावेशभाई और जिनलबेन जिनका कंस्ट्रक्शन और स्कार्फ का बिजनेस है. दीक्षा लेने के दौरान 4 किलोमीटर लंबा शोभायात्रा निकाली गई थी. आपको बता दें कि कपल 22 अप्रैल को रिवरफ्रंट में 35 अन्य लोगों के साथ ही इस भौतिक जीवन को त्याग कर संतुलित जीवन को अपना लेंगे.
Source : News Nation Bureau