केंद्र सरकार की तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने आज 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है. किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. शुक्रवार सुबह किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर खुले रास्ते को खुद बंद कर दिया. इस रास्ते को ट्रैफिक के लिहाज से पुलिस ने खोला था. ये रास्ता दिल्ली से गाजियाबाद को जोड़ता है. सुबह 6 बजे से ही किसान इस रास्ते को बंद कर हुक्का पानी लेकर बैठ गए हैं. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है. सरकार के साथ बातचीत के सभी रास्ते बंद हैं. दूसरी तरफ तमाम व्यापारिक संगठनों ने साफ कर दिया है कि वह किसानों के मुद्दे का समर्थन जरूर करते हैं लेकिन वह बंद में साथ नहीं देंगे.
यह भी पढ़ेंः मुंबई के अस्पताल में आग तो सोलापुर में हॉस्पिटल का ऑक्सीजन प्लांट फटा, 4 मरे
व्यापार संगठनों ने बंद से किया किनारा
किसान संगठनों ने भारत बंद में पहले व्यापारी संगठनों के भी शामिल होने की बात कही थी. लेकिन व्यापार संगठनों ने साफ कर दिया है कि वह किसानों के भारत बंद में शामिल नहीं होंगे. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 26 मार्च के भारत बंद को लेकर दिल्ली के व्यापारियों से चर्चा करके हमने सभी का फीडबैक लिया है. अधिकांश व्यापारियों ने कहा कि वे किसानों के मुद्दों का समर्थन करते हैं. केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए. किसानों को राहत देनी चाहिए, लेकिन जहां तक बाजारों को बंद करने का सवाल है, तो 98 प्रतिशत व्यापारियों का कहना था कि 1 दिन दुकानें बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. कोरोना के कारण पहले ही व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
26 मार्च को दिल्ली में चांदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, करोल बाग, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, कमला नगर, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, रोहिणी, पीतमपुरा आदि सभी प्रमुख बाजारों समेत दिल्ली के तमाम छोटे-बड़े बाजार खुले रहेंगे. इसके साथ ही 28 औद्योगिक क्षेत्रों में सभी फैक्ट्रियां भी खुली रहेंगी. गौरतलब है कि 26 फरवरी को एक व्यापारी संगठन ने जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ भारत बंद बुलाया था, लेकिन उसका दिल्ली में कोई असर नहीं हुआ था और दिल्ली के तमाम बाजार खुले हुए थे.
यह भी पढ़ेंः नोएडा-लखनऊ के बाद कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट सिस्टम को मिली मंजूरी
ये हैं प्रमुख मांगे
संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. एमएसपी व खरीद पर कानून बने, किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द किए जाएंत. बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस किए जाएं, इसके साथ ही डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें भी कम की जाएं.
ये की अपील
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल सिंह ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि ये शांतमयी होते हुए इस बंद को सफल बनाएं, किसी भी प्रकार की नाजायज बहस में न उलझें. यह किसानों के सब्र का ही परिणाम है कि आन्दोलन इतना लम्बा चला है. हमें निरन्तर सफलताएं मिल रही हैं.