कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आज 'भारत बंद' का आह्वान किया है. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान सड़कों पर हैं. देश में अब तक भारत बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया है. देश के तमाम राज्यों में सड़क और रेल मार्गों को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. कई जगह सड़कों पर टायर रखकर उनमें आग लगाई गई और चक्का जाम किया गया. हालांकि भारत बंद में किसानों से ज्यादा राजनीतिक दल सक्रिय दिखाई दिए हैं. दिल्ली की सीमाओं को छोड़कर देश के ज्यादा कोनों में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता चक्का जाम करते हुए दिखे.
पंजाब में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे
किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के मद्देनजर पंजाब में अनेक स्थानों पर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य में पेट्रोल डीलरों ने भी बंद के समर्थन में पेट्रोल पंप बंद रखे. यहां सुबह से ही किसान राजमार्गों तथा अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर एकत्रित होने लग गए. मोहाली में किसानों ने चंडीगढ़ हाईवे को बंद कर दिया. लुधियाना में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए. पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल समेत सभी प्रमुख सियासी दलों ने बंद का समर्थन किया है. सरकारी कर्मचारियों के कई संघों, ट्रांसपोर्टरों ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दिया है.
राजस्थान में बंद के दौरान राजनीतिक झड़प
राजस्थान में भारत बंद का ज्यादा असर नहीं दिखा है. हालांकि यहां राजनीतिक झड़प देखने को मिली है. जयपुर में भारत बंद के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. इस दौरान दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई. हालांकि किसी तरह के जानमाल की सूचना नहीं है.
भारत बंद का हरियाणा में मिला-जुला असर
हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोक दल ने भारत बंद को समर्थन दिया. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. हजारों की संख्या में किसान यहां प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि हरियाणा के बाकी हिस्सों में भारत बंद का मिला-जुला असर ही दिखाई पड़ा है.
भारत बंद का कर्नाटक में अच्छा खासा असर दिखा
भारत बंद का कर्नाटक में अच्छा खासा असर देखने को मिला है. कर्नाटक में किसानों और कामगारों के प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने से जनजीवन प्रभावित हुआ. कर्नाटक राज्य रैयता संघ और हसिरू सेना (ग्रीन ब्रिगेड) द्वारा आहूत बंद का राज्य में कई संगठनों और दलों ने समर्थन किया है. कई ट्रेड यूनियनों ने भी श्रम कानूनों में सुधार के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की है. इसके अलावा कांग्रेस, भाकपा, माकपा जैसे वाम दलों और उनसे जुड़े संगठनों ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है.
बेंगलुरू में सिद्धारमैया समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने हाथ में काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया. बेंगलुरु, मैसुरू, बेलगावी, हुब्बली-धारवाड, रायचुर, तुमकुरु, मंगलुरु, बीदर, विजयपुरा, हासन, चिकमंगलुरु, चामराजनगर, कोप्पल, कोलार, चिकबल्लापुर और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन मार्च, रैलियां निकाली गई. कुछ स्थानों पर दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी. कुछ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने दुकानों को जबरन बंद करा दिया.
भारत बंद में अरुणाचल प्रदेश में नहीं पड़ा खास असर
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के बीच अरुणाचल प्रदेश में इसका असर कम दिखा और जनजीवन सामान्य रहा. निजी कारों और सार्वजनिक परिवहन की सड़कों पर आवाजाही सामान्य रही. सभी बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे और बैंक समेत सरकारी एवं निजी कार्यालयों में कामकाज सामान्य रहा. पुलिस ने बताया कि लंबी दूरी की गाड़ियां सड़कों पर नहीं दिखीं.
उप्र में बंद का मिला-जुला असर, समर्थन कर रहे नेता गिरफ्तार और नजरबंद
'भारत बंद' का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर दिखा है. भारत बंद का विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन प्रदेश के अन्य विभिन्न जिलों में बंद का कहीं कम, तो कहीं ज्यादा असर दिखाई दे रहा है.लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप, आनंद भदौरिया, सुनील साजन और आशु मलिक भारत बंद के समर्थन में विधान भवन परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैठे.
भारत बंद का समर्थन कर रही कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक ललन कुमार ने बताया कि गोरखपुर में बंद का समर्थन कर रहे प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं. आजमगढ़ जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह और उपाध्यक्ष दिनेश यादव को नजरबंद कर दिया गया है, जबकि गाजीपुर शहर अध्यक्ष और चित्रकूट के जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है, सहारनपुर और कानपुर नगर में भी कांग्रेस पदाधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है.
झारखंड में भारत बंद का मिला-जुला असर
किसानों के 'भारत बंद' के आह्वान का झारखंड में मिला-जुला असर दिखा. यहां लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं. राज्य में स्थानीय यातायात अधिकतर सामान्य है, लेकिन अंतरराज्यीय यातायात ठप है. राज्य की राजधानी रांची, धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू, दुमका, बोकारो, साहिबगंज और पाकुड़ समेत सभी 24 जिलों में बंद का मिला-जुला असर दिखा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है. किसानों के भारत बंद के समर्थन में रांची में लेफ्ट पार्टियों ने बाइक मार्च निकाला.
कांग्रेस, वाम समर्थकों ने बंगाल में सड़कों, रेल पटरियों को किया जाम
कांग्रेस और वाम दलों के समर्थकों ने मंगलवार को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया. भारत बंद का असर राज्य में देखने को मिला, जहां निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे और बस, टैक्सी जैसे सार्वजनिक वाहनों का परिचालन सामान्य से कम है. कोलकाता में, माकपा के कार्यकर्ताओं और एसएफआई तथा डीवायएफआई के सदस्यों ने लेक टाउन, कॉलेज स्ट्रीट, जादवपुर और श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग जाम की.
वहीं कांग्रेस समर्थकों ने उत्तर 24 परगना जिले के मध्यग्राम चौमथा में, पश्विम मेदिनीपुर में पंसकुरा, हावड़ा जिले में बाली, मुर्शिदाबाद में बहरामपुर और खड़गपुर में सड़के जाम की, जहां पुलिस उन्हें वाहनों की आवाजाही बाधित ना करने के लिए कहती दिखी. पूर्वी रेलवे के सियालदह खंड में जादवपुर और मध्यग्राम और हावड़ा खंड में रिशरा और बर्धमान में उन्होंने रेल की पटरियां भी जाम कर दीं. वाम दल और कांग्रेस समर्थकों ने केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ नारे भी लगाए. माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने जादवपुर में एससी मलिक रोड के पास 8बी बस स्टैंड से एक रैली की अगुवाई की.
महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में एपीएमसी बंद रहीं
महाराष्ट्र में भारत बंद का कुछ खास असर नहीं दिखाई है. मुंबई समेत अन्य शहरों के बाजार खुले हैं. यातायात भी चलता दिखा है. हालांकि महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) बंद रहीं. पुणे, नासिक, नागपुर और औरंगाबाद जैसे बड़े शहरों में थोक मंडियां बंद रहीं. कई शहरों में खुदरा मंडियां भी बंद रहीं. नवी मुंबई के वाशी और कल्याण में भी एपीएमसी बंद रहीं. यहां से मुंबई के लिए सब्जियों और फलों की आपूर्ति होती है. थोक व्यापारी बंद का समर्थन कर रहे हैं. सामान्य दिनों में हजारों ट्रक राज्यभर में सब्जी, फल, अनाज और मसालों की आपूर्ति करते हैं.
वहीं मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के अंतर्गत आने वाले ठाणे और पालघर जिलों में सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित हुईं. सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है. हालांकि राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बाधित नहीं करने की अपील की. मुंबई में बसें और लोकल ट्रेन समेत सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद से अभी तक अप्रभावित हैं. ऑटोरिक्शा एवं टैक्सी संघों ने भारत बंद को समर्थन दिया है, हालांकि उन्होंने भी सेवाएं जारी रखने का फैसला लिया है.
सभी राज्यों में किसानों से ज्यादा राजनीतिक दल सक्रिय दिखे
इन सभी राज्यों में हुए प्रदर्शन में ज्यादातर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और नेता ही शामिल हुए हैं. कुछ ही जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन किया है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी. जिसके जरिए देश का किसान कहीं भी अपनी मर्जी के हिसाब के फसलें बेच सकता है. इसके अलावा भी कई प्रावधान इन कानूनों में बनाए गए हैं. लेकिन किसान को आशंका है कि इन कानूनों से देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त हो जाएगा और उनके जमीनें भी चली जाएंगी. हालांकि सरकार लगातार किसानों की आशंकाओं की दूर करने के लिए वार्ता कर रही है. बुधवार को भी सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की बातचीत होगी.
Source : News Nation Bureau