राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विचारक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश सिन्हा को सोमवार देर शाम नोएडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया, लेकिन कुछ ही समय बाद उन्हें छोड़ दिया।
सोमवार को भारत बंद के दौरान नोएडा में निजी चैनल के कार्यक्रम में जाने वक्त पुलिस ने गलती से दलित प्रदर्शनकारी समझकर उन्हें हिरासत में ले लिया था।
सिन्हा ने कहा, 'मैं नोएडा में एक मीडिया हाउस में पैनल डिस्कशन में भाग लेने जा रहा था उसी वक्त मुझे पुलिस की जीप में खींच लिया गया। नोएडा के एसएचओ सहित 8 लोग वहां मौजूद थे जो गाली गलौज भी कर रहे थे। जब मैंने उनसे पूछा कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया तो उन्होंने कहा कि अब मैं जा सकती हूं।'
राकेश सिन्हा ने कहा, 'बाद में पुलिस ने मुझे कहा कि वे मुझे दलित प्रदर्शनकारी समझ लिए थे। मैं पुलिस से अपील की कि किसी व्यक्ति के बुनियादी मानवाधिकार और प्रतिष्ठा को दिमाग में रखना चाहिए।'
गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के खिलाफ दलित संगठनों का सोमवार को भारत बंद किया गया, जिसमें हुई हिंसा में देश भर में 9 लोग मारे गए और कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्तियों का भी नुकसान हुआ।
आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 6 जबकि उत्तर प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो गई। वहीं राजस्थान में एक व्यक्ति पुलिस की गोली से मारा गया।
और पढ़ें: केंद्र ने माना-SC/ST एक्ट पर कोर्ट का फैसला संसद की सोच के मुताबिक नही
Source : News Nation Bureau