जातिगत आरक्षण के विरोध को लेकर मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का असर देश के अलग-अलग हिस्सों में मिला जुला रहा। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हुए।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ घंटों के लिए दुकानें बंद रहीं और इंटरनेट बंद किया गया था लेकिन सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ।
बिहार के कुछ क्षेत्रों में बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। आरा जिले में दो गुटों में झड़प हुई और हाजीपुर में बंद समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के काफिले को रोक दिया गया और उनके साथ बदसलूकी भी की गई।
आरा में झड़प से 12 से ज्यादा लोग घायल भी हुए। भारत बंद के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए।
आरा में बंद समर्थकों ने सड़क और रेल मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। बंद में शामिल 127 लोगों को बिहार से गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि मंगलवार का 'भारत बंद' अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम (एससी/एससी एक्ट) में किए गए बदलावों के विरोध में 2 अप्रैल को हुए 'भारत बंद' के विरोध में भी किया गया था।
सुरक्षा के मद्देनजर मध्यप्रदेश के भोपाल में धारा 144 लागू की गई थी। हालांकि यहां पर सभी स्कूल खुले रहे और सरकार ने 6,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
मध्य प्रदेश के मुरैना और भिंड में हिंसा की आशंका को देखते हुए कर्फ्यू लगाई थी।
आरक्षण के विरोध में भारत बंद के दौरान पंजाब के व्यापारिक नगर फगवाड़ा में भी दो समूहों का आमना-सामना होने पर कुछ देर तक तनाव रहा, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति सामान्य हो गई।
गृह मंत्रालय ने सोमवार को ही जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए राज्यों को सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दे दिए थे।
मंगलवार के भारत बंद के लिए किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि इसका प्रचार सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर ही हुआ था।
और पढ़ें: PM ने कहा- जन-जन को जोड़ रहा है NDA, तोड़ने के मिशन पर विपक्ष
HIGHLIGHTS
- भारत बंद के लिए किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली
- बिहार के आरा में झड़प से 12 से ज्यादा लोग घायल भी हुए
- मुरैना और भिंड में हिंसा की आशंका को देखते हुए कर्फ्यू लगाई थी
Source : News Nation Bureau