कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने भारत बंद करने का ऐलान किया है. मंगलवार यानी 8 दिसंबर को पूरे भारत का चक्का जाम करने के लिए किसानों ने आह्वान किया है. किसानों ने कहा कि 8 दिसंबर को पूरे दिन बंद रहेगा. किसानों ने यह भी ऐलान किया है कि आंदोलन के दौरान उनके मंच पर किसी राजनीतिक दल के नेता को आने की अनुमति नहीं होगी.
किसान नेता ने कहा कि दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम होगा. यह एक शांतिपूर्ण बंद होगा. हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक नेता को अनुमति नहीं देंगे.
सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान नेताओं ने भारत बंद को लेकर प्रेस वार्ता की. इस प्रेस वार्ता में साफ कर दिया गया है कि पूरे देश में भारत बंद शांति पूर्ण तरीके से किया जाएगा. भारत बंद के दौरान सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. शादी एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी। वहीं दूध, फल, सब्जी और अन्य वस्तुओं पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.
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किसान नेताओं ने ये भी साफ कर दिया है कि किसी व्यक्ति पर जोर जबरजस्ती या धक्का मुक्की नहीं कि जाएगी. साथ ही किसान नेताओं ने अपील की है कि भारत बंद में हर कोई अपना समर्थन दे. किसान नेता द्वारा ये भी साफ कर दिया गया है कि हमारा विरोध पंजाब तक सीमित नहीं है. दुनिया भर के नेता हमें अपना समर्थन दे रहे हैं.
कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में राजनीतिक, मनोरंजन और खेल जगत के लोगों ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाना शुरू कर दिया है.
इधर, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिवसेना समेत कई दलों ने किसानों के बंद का समर्थन देने का ऐलान किया है.
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वहीं, दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने मंगलवार को किसान संगठनों के 'भारत बंद' के आह्वान को अपना नैतिक समर्थन दिया है. ये यूनियनें हड़ताल पर नहीं जायेंगी और काम से दूर नहीं रहेंगी लेकिन किसानों के आंदोलन का समर्थन करेंगी. वे ड्यूटी पर रहते हुए, काम के दौरान ‘काला बिल्ला’ लगायेंगे, काम के घंटों के बाद या उसके पहले अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे तथा अपने काम के समय के पहले या बाद में रैलियां निकालेंगे.
भारत बंद को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के समर्थन दिए जाने का पंजाब के किसान नेताओं ने स्वागत किया है. वहीं किसानों द्वारा ये भी साफ कर दिया गया है कि उनका मंच राजनीतिक पार्टियों के लिए नहीं होगा. वहीं अपनी अपनी पार्टियों के झंडे और बैनर घर रख कर आएं.
Source : News Nation Bureau