कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' नौवें दिन सोमवार दोपहर को असम से मेघालय में प्रवेश कर गई. इस दौरान असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने मेघालय कांग्रेस अध्यक्ष विंसेंट एच पाला को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा. मेघालय में प्रवेश करने पर राहुल गांधी का शानदार स्वागत हुआ. मेघालय में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के प्रवेश करने पर भारी जनसमूह ने राहुल गांधी का तिरंगा लहरा कर स्वागत किया. राहुल गांधी को देखने के लिए जगह-जगह भारी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर आ गए.
इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और बस से उतरकर बातचीत की. राहुल गांधी ने शाम को मेघालय में पदयात्रा की और जनसभा को भी संबोधित किया. जनसभा के दौरान हजारों की भीड़ ने अपने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को समर्थन दिया और यात्रा के समर्थन में नारे लगाए.
जनसभा में उमड़े भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को मणिपुर से शुरू करने का कारण यह है कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा ने मणिपुर के विचार को नष्ट कर दिया है. नफरत और हिंसा की राजनीति ने राज्य को टुकड़ों में बांट दिया है, जिससे सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और हजारों लोगों को अपनी संपत्ति गंवानी पड़ी है. कांग्रेस देश को संदेश देना चाहती थी कि मणिपुर के लोग कितना दर्द महसूस कर रहे हैं. यह आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है. अगर प्रधानमंत्री मणिपुर में हिंसा रोकना चाहते हैं तो तीन दिन में ऐसा कर सकते हैं. सच तो यह है कि प्रधानमंत्री को मणिपुर में हिंसा खत्म करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
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मेघालय की आवाज दबाई जा रही- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने मेघालय की जनता से कहा कि कांग्रेस आपकी संस्कृति, परंपराओं और भाषा का सम्मान करती है. आज मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की आवाज पर हमला किया जा रहा है. आरएसएस-भाजपा देश के संविधान और संस्थागत ढांचे का गला घोंट रहे हैं. मेघालय पर दिल्ली से शासन किया जा रहा है, कांग्रेस को यह स्वीकार्य नहीं है.
भारत जोड़ो यात्रा कर चुके हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' की थी. भारत के विचार की रक्षा के लिए कांग्रेस ने यह यात्रा की. यात्रा के जरिए कांग्रेस ने किसानों, मजदूरों और युवाओं की आवाज सुनी. यात्रा के बाद कई लोग चाहते थे कि कांग्रेस उत्तर-पूरब, ओडिशा, बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में रहने वाले लोगों की आवाज़ सुने. इसलिए कांग्रेस ने मणिपुर से महाराष्ट्र तक एक और यात्रा शुरू करने का फैसला किया.
Source : MOHIT RAJ DUBEY