कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लगातार तेज करने की कवायद जारी है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हर माह होने वाली मासिक बैठक बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर की जाएगी. बैठक भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में बुलाई गई है. आंदोलन शुरू होने के बाद ये पहली बैठक होगी जो सिसौली छोड़ गाजीपुर बॉर्डर पर होगी. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. इस मासिक बैठक में केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के किसान नेता शामिल होंगे. भाकियू उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, ये मासिक पंचायत है, ये हर महीने सिसौली में होती थी, हम पिछले महीने भी गए थे, लेकिन उसके बाद हमें आदेश दिया गया कि आंदोलन छोड़ कर ना आएं, अगले 17 मार्च को आंदोलन स्थल पर ही मासिक पंचायत होगी.
मासिक पंचायत आंदोलन से पहले भी होती थी, क्योंकि अब आंदोलन चल रहा है तो इसका उद्देश्य आंदोलन की आगे की रणनीति तय करना रहेगा. किस तरह इसे तेज करना है? किस तरह रोटेशन प्रणाली को फॉलो करना है आदि. आंदोलन और खेती कमजोर न पड़े इसपर भी चर्चा रहेगी. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने बताया 17 मार्च को गाजीपुर बॉर्डर पर होने वाली यूनियन की मासिक पंचायत में किसानों की तमाम समस्याओं पर चर्चा होगी. केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए पहल नहीं कर रही है. ऐसे में आंदोलन लंबा चलाने के लिए रणनीति तैयार करनी पड़ेगी.
भारतीय युवा कांग्रेस ने जलाया साक्षी जी महाराज का पुतला
भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) और किसान कांग्रेस ने मंगलवार को मांग की है कि किसानों को 'आतंकवादी' (Terrorist) करार देने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज को तत्काल बर्खास्त किया जाए. सोमवार को महाराज ने आंदोलनकारी किसानों (Protestor Farmer) को 'आतंकवादी (Terrorist) ' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा था, ये आंदोलनकारी आतंकवादी हैं, ये किसान नहीं हैं. आईवाईसी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव ने पार्टी कार्यालय से निकले विरोध मार्च का नेतृत्व किया और महाराज का पुतला भी जलाया.
देश का युवा किसानों के साथः आईवाईसी
देश के युवा किसानों के साथ हैं और आईवाईसी किसानों के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ेगा. साथ ही भाजपा सरकार पर पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें न मानकर सरकार जनादेश का अपमान कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में प्रदर्शनकारियों को 'आनंदोल जीवी' कहा और अब भाजपा के सांसद किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी कहते हैं. इन बयानों ने उनके इरादों को स्पष्ट कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- कृषि कानून के खिलाफ कवायद जारी
- आंदोलन से पहले भी होती थी मासिक पंचायत
- भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व