भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद जेल से रिहा होने के बाद एक बार फिर से अपने नाम को लेकर सुर्खियों में हैं। भीम आर्मी के प्रमुख दलित नेता चंद्रशेखर 'आजाद' उर्फ 'रावण' ने जेल से बाहर आते ही अपने नाम से 'रावण' शब्द को हटा देने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि मेरे नाम के साथ रावण न लिखा जाए अगर फिर भी कोई उनके नाम में रावण लिखता है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा.
चंद्रशेखर के अनुसार 'रावण' शब्द कहीं उनके नाम में नहीं है. स्कूल से लेकर कॉलेज तक के किसी भी सर्टिफिकेट में उनका नाम सिर्फ चंद्रशेखर लिखा है.
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उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान साथियों ने उनके नाम में 'आजाद' जोड़ा तो ठाकुरों और ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रतीकात्मक तौर पर 'रावण' भी जोड़ दिया. लेकिन जेल से रिहा होने के बाद अब चंद्रशेखर को 'रावण' नाम से परहेज हो रहा है जिससे यह साफ है कि अब वह एक्टिविस्ट मोड से ज्यादा चुनावी मोड में हैं. हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनका अभी राजनीति में जाने का कोई विचार नहीं है.
चंद्रशेखर ने कहा, 'मैं जेल इसी सोच के साथ गया था आप राजनीति में रहकर कुछ अच्छा नहीं कर सकते. समाज में बदलाव के लिए आपको एक सामाजिक एक्टिविस्ट ही रहना होगा. आज बहुत सारे लोग सांसद और मंत्री हैं. लेकिन क्या वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके? कोई बदलाव नहीं हुआ. इसीलिए फिलहाल राजनीति में जाने का कोई विचार नहीं है.'
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इससे पहले चंद्रशेखर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ बोलकर और बीएसपी चीफ मायावती को बुआ बोलकर उन्होंने यूपी में रानीतिक सरगर्मी बढ़ा दी थी। हालांकि रविवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया था कि उनका चंद्रशेखर से कोई रिश्ता नहीं है।
Source : News Nation Bureau