नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भीम ऑर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद दिल्ली के शाहीन बाग मंच पर पहुंचे. शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के मंच से एक बार फिर चंद्रशेखर ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं. चंद्रशेखर ने शाहीन बाग के मंच से कहा कि, ये शाहीन बाग देखकर मुझे तो जालिया वाला बाग की याद आ गयी. हमने गोरे अंग्रेजो को भगाया था अब काले अंग्रेजो की बारी है. सरकार को ये गुमान है कि हम नागरिकता कानून (CAA) वापस नही लेंगे तो हम भी तैयार है. भीम ऑर्मी प्रमुख ने आगे कहा कि संघर्ष के लिए मैं सबसे आगे रहूंगा. मुझे ताज और तलवार से किसी एक को चुनना हो तो मैं तलवार चुनूंगा मुझे जब देखते है डरते है अंदर कर देते हैं पर मैं नही हटूंगा.
Delhi: Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad joins protest against #CitizenshipAmendmentAct & #NationalRegisterofCitizens, in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/908xmNWm7G
— ANI (@ANI) January 22, 2020
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि आने वाले अगले कुछ दिनों में देश भर में घूमूंगा और ये विश्वास दिलाता हूं कि अब देश मे 5 हजार शाइन बाग होंगे. दिल्ली का ऐसा कोई रास्ता बताओ जहां जाम ना होता हो तो ये एक सड़क बंद होने से परेशानी है. क्या नोटबन्दी के समय से ज्यादा परेशानी है, यहां लोगों में देश बचाने का जज्बा है, कुर्बानी का जज्बा है तो मेरी एक बहन को लाठी नहीं लगनी चाहिए. भीम ऑर्मी प्रमुख ने केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार झूठ बोलती है कि सिर्फ मुस्लिम विरोध कर रहे है. यहां कौन नही है यहां तिरंगा भी है बाइबल भी है.
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वहीं आपको बता दें कि चंद्रशेखर जामा मस्जिद दंगा फसाद मामले में सशर्त जमानत पर जेल से निकलने के बाद शाहीन बाग मंच पर पहुंचे, यहां जिस तरह का भाषण दिया है उससे उनकी जमानत की शर्तों का उल्लंघन करके भड़काऊ भाषण देने का आरोप लग सकता है. इसके पहले मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने भीम ऑर्मी चीफ को दरियागंज हिंसा मामले के संबंध में उन्हें सशर्त जमानत दी थी.
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कोर्ट ने चंद्रशेखर को आदेश जमानत देते हुए कहा था कि उन्हें आगामी 16 फरवरी तक दिल्ली से बाहर रहना होगा वो इस दौरान दिल्ली में नहीं आ सकते हैं. मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने चंद्रशेखर आजाद की जमानत शर्तों में संशोधन किया है. नई शर्तों के मुताबिक अब भीम ऑर्मी प्रमुख दिल्ली आकर घूम सकते हैं लेकिन उन्हें दिल्ली आने से पहले दिल्ली के डीसीपी क्राइम को सूचना देनी होगी. दिल्ली की अदालत ने कहा कि पुलिस कोई ऐसे सबूत पेश नहीं कर पाई, जिनसे ये बात साबित हो सके कि दिल्ली में चन्द्रशेखर की उपस्थिति से हिंसा फैलेगी.