भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती से कुछ दिन पहले तक देश के अलग-अलग हिस्सों में उनकी मूर्ति तोड़े जाने का सिलसला जारी है।
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के भिंड जिले के खेरिया गांव में अंबेडकर की मूर्ति को बदमाशों ने तोड़ दिया जिसके बाद प्रशासन ने मूर्ति को दूसरी जगह पर पहुंचा दिया।
इसके अलावा शुक्रवार को एक और घटना में अज्ञात बदमाशों ने मध्य प्रदेश के ही सतना के सिविल लाइंस इलाके में अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया।
गुरुवार को भी राजस्थान के अकरोल में बी आर अंबेडकर की मूर्ति का सर तोड़ कर रखा हुआ था। इसी सप्ताह राजस्थान के नाथद्वारा में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ी गई थी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ, आजमगढ़ और इलाहाबाद में अंबेडकर की मूर्ति तोड़ी जा चुकी है। इन सभी घटनाओं के बावजूद अब तक किसी व्यक्ति के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बता दें कि आने वाले 14 अप्रैल को बी आर अंबेडकर की 127वीं जयंती मनाई जाएगी। लेकिन उससे पहले देश भर में मूर्ति तोड़कर उनके खिलाफ एक अलग तरह का अफसाना बनाने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि देश में मूर्ति तोड़े जाने की घटना की शुरुआत त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधानसभा चुनाव में जीत के साथ हुई थी जहां रूसी क्रांति के महानायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को गिराया गया था।
इस घटना के तुरंत बाद तमिलनाडु में दो जगहों पर समाज सुधारक और ई वा रामासामी पेरियार की मूर्ति को तोड़ा गया था। फिर पश्चिम बंगाल में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को भी तोड़ा गया था।
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HIGHLIGHTS
- भिंड और सतना में शुक्रवार को तोड़ी गई अंबेडकर की मूर्ति
- 14 अप्रैल को बी आर अंबेडकर की 127वीं जयंती मनाई जाएगी
- त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने से हुई थी घटना की शुरुआत
Source : News Nation Bureau