मुंबई के भीमा-कोरेगांव में 31 दिसंबर को कार्यक्रम का आयोजन करने वाले 'एलगार परिषद' के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। एल्गार परिषद के आयोजकों के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 A, 505(1) (B), 117, 34 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है।
बता दें कि 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के आयोजित कार्यक्रम में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद ने भाषण दिया था। इस कार्यक्रम का आयोजन भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर किया गया था।
इस कार्यक्रम में कथित तौर पर मेवाणी ने कहा था, 'नव पेशवा के सामने अगर हमें जीतना है, भीमा कोरेगांव के इस लड़ाई को आगे लेके जाना है, उस संघर्ष को आगे ले जाना है, उस संघर्ष से अगर प्रेरित होना है, ये चुनावी राजनीति से नहीं होगा। मैं मानता हूं कि जनता की लड़ाई लड़ने वाले कुछ लोग, गुजरात की और महाराष्ट्र की असेंबली में होने चाहिए। इस देश की पार्लियामेंट में भी होने चाहिए। लेकिन जाति उन्मूलन तो सड़कों की लड़ाई से होगा। एक वर्ग का दूसरे वर्ग पे, जो शासन है, वो सड़कों की लड़ाई से खत्म होगा।'
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वहीं, उमर खालिद ने कथित तौर पर कहा था, 'भीमा कोरेगांव की इस लड़ाई को आनेवाला कल बना सकते हैं। उन्होंने हमला किया, पलटवार की बारी है। लड़ाई को लड़ेंगे और यह लड़ाई जीतना है, उन शहीदों को श्रद्धांजलि रहेगी। और नव पेशवा का खात्मा ही भीमा कोरेगांव के शहीदों को श्रद्धांजिल रहेगी।'
इस कार्यक्रम में इन दोनों के भाषण के खिलाफ अक्षय बिक्कड़ और आनंद धोंड ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुणे के कोरेगांव हिंसा के बाद राज्य में हिंसा फैल गई थी और 1 जनवरी के बाद फैली हिंसा में पुलिस ने कुल 16 एफआईआर दर्ज की थी और 300 लोगों को हिरासत में लिया था।
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भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद दलित संगठनों के आह्वान पर करीब दस घंटे तक महाराष्ट्र बंद के दौरान हुई हिंसा में नांदेड़ जिले में एक छात्र (16) की मौत हो गई थी।
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Source : News Nation Bureau