पुणे पुलिस क्रांतिकारी लेखक पी. वरवर राव को गुरुवार को वापस हैदराबाद ले आई। सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले पुलिस को नक्सलियों के साथ कथित रिश्तों को लेकर गिरफ्तार कवि और सामाजिक कार्यकर्ता को छह सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था। मंगलवार को गिरफ्तार वरवर राव को गुरुवार तड़के एक फ्लाइट से लाया गया और उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने गांधी नगर इलाके स्थित उनके घर के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
पुणे पुलिस की एक टीम ने राव के आवास और उनके परिवार के सदस्यों के घरों पर आठ घंटे की छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। उनके परिवार को बताया गया कि राव को नक्सलियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने उन्हें यहां एक अदालत में पेश किया था और ट्रांजिट रिमांड पर पुणे ले गई थी। इसी दिन देश के अन्य हिस्सों से चार अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को भी नक्सलियों के साथ कथित रिश्तों के लिए गिरफ्तार किया गया था।
प्रख्यात लोगों द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पुणे पुलिस को गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को छह सितम्बर तक उनके घरों में ही नजरबंद करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि बिना असहमत आवाजों के लोकतंत्र नहीं चल सकता।
Source : IANS