भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने शनिवार को कार्यकर्ता और तेलुगू कवि वरवरा राव को हैदराबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया. वरवरा राव की बढ़ाई गई नजरबंदी (हाउस अरेस्ट) आज खत्म हो गई. पुणे पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ने कहा, 'हैदराबाद हाई कोर्ट द्वारा वरवरा राव की बढ़ाई गई नजरबंदी आज खत्म हो गई और उनकी एक और याचिका कोर्ट के द्वारा खत्म कर दी गई. इसलिए उन्हें पुणे पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया और पुणे कोर्ट में पेश किया जाएगा.'
इससे पहले 26 अक्टूबर को पुणे पुलिस ने सहआरोपी अरुण टी फरेरा और वर्नन गोंजाल्विस को हिरासत में लिया था, वहीं सुधा भारद्वाज को अगले दिन पुलिस हिरासत में लिया गया था.
भीमा-कोरेगांव दंगा की जांच के सिलसिले में पुणे पुलिस ने छापेमारी करके सुधा भारद्वाज, वर्नन एस गोंजाल्विस, अरुण टी फरेरा, गौतम नवलखा (अब मुक्त) और पी. वरवर राव को गिरफ्तार किया था. इन सब पर नक्सलियों से संबंध के आरोप लगाए गए थे.
Varavara Rao's house arrest extension given by Hyderabad High Court ends today∈ addition to that, his another petition before court is also disposed of by Hyderabad Court. Hence, he is arrested by Pune Police&will be produced before Pune Court: Jt Commissioner of Police, Pune
— ANI (@ANI) November 17, 2018
रिमांड याचिका में पुणे पुलिस ने कहा था कि गोंजाल्विस और फरेरा छात्रों को प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की ओर से रेडिकल छात्र संघ (आरएसयू) के माध्यम से भर्ती करते थे और उन्हें गुरिल्ला युद्ध क्षेत्रों में भेजते थे. पुलिस ने कहा कि वह जांच करना चाहते हैं कि कितने और किन लोगों को इसके लिए भर्ती किया गया था.
रिमांड याचिका में दावा किया गया था कि पुलिस ने लोकतांत्रित रूप से निर्वाचित भारतीय सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक बड़ी साजिश का पता लगाया है और वह इस मामले में जांच करना चाहते हैं.
इससे पहले जून में पुणे पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना विल्सन, सुधीर धावले, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत और राणा जैकब को भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया था.
Source : News Nation Bureau