महाराष्ट्र के पुणे में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हिंसा भड़कने के बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है।
महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण मंत्री और शिवसेना विधायक दीपक केसारकर ने कहा है कि हिंसा में दलित समुदाय के किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है, सिर्फ गलत मैसेज फैलाए जा रहे हैं।
दीपक केसारकर ने कहा, 'दलित समुदाय से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर गलत मैसेज फैलाए जा रहे हैं, लोगों को सावधान रहना चाहिए। महाराष्ट्र में स्थिति पूरी तरह शांत है।'
इससे पहले सोमवार को हुए कार्यक्रम के बाद पुणे से फैली हिंसा मंगलवार को मुंबई के 13 जिलों तक पहुंच चुकी है। कई हिस्सों में दलित और मराठा समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
महाराष्ट्र में कुछ दलित पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान बुधवार को भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं, संड़क और रेल की नाकाबंदी, पथराव, जुलूस और विरोध प्रदर्शन हुए।
इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। साथ ही कई शहरों में पुलिस के द्वारा धारा 144 लगा दी गई है।
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Source : News Nation Bureau