भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार कभी भी 'सेफ़्टी वॉल्व' को दबाने की कोशिश नहीं करेगी। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसी को भी हिंसा करने और देश तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वहीं पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के नाम पर लोकतंत्र की आवाज़ दबाने के आरोप पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'सारे रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिए इनमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी पहले भी हुई थी। उस समय भी इन लोगों पर यही आरोप लगे थे।'
उन्होंने आगे कहा, 'देश को तोड़ने की कोशिश करने से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता। जो भी तथ्य सामने आए हैं उस आधार पर कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट में मामले की सुनवाई भी चल रही है वही अंतिम फैसला लेगा। हमने इस संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से भी बात की है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट बुधवार को पांचो आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ रोमिला थापड़, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और अन्य की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि 'असहमति लोकतंत्र का सुरक्षा कवच है। अगर लोकतंत्र में असहमति स्वीकार्य नहीं हुआ तो प्रेशर कुकर फट जाएगा।'
क्या है मामला
महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां ने मंगलवार को मुंबई, रांची, हैदराबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और ठाणे में छापेमारी की और कुल 5 लोगों को गिरफ़्तार किया है। अभी तक वरवर राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले पुलिस ने इन सभी लोगों के घर पर छापेमारी की।
पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव - भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत इनके घर परा छापेमारी की गई है।
पुलिस ने इन सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ 153 A, 505(1) B,117,120 B,13,16,18,20,38,39,40 और ग़ैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (UAPA) के तहत मामला दर्ज़ किया है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक इन लोगों को उनकी कथित नक्सली गतिविधियों को लेकर आईपीसी और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की संबद्ध धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
Source : News Nation Bureau