Hathras Stampede: हाथरस सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई. उसी दिन से सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अंडरग्राउंड है. अब मामले में भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि भगदड़ होने के पीछे कुछ अज्ञात लोगों का हाथ है, जो जहरीला स्प्रे छिड़कते हुए भागे. इस कारण मौके पर कुछ लोग बेहोश हो गए और फिर भगदड़ मच गई. उन्होंने हादसे को एक पूर्व नियोजित साजिश बताया है. उन्होंने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने घटना के पीछे कौन लोग हैं, उनका पता लगाने को कहा है.
'जहरीला स्प्रे छिड़कते हुए भागे अज्ञात लोग'
भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि, 'अलीगढ़ से आते हुए और एटा की ओर जाते हुए घटना स्थल के पास एक काली और दूसरी सफेद रंग की स्कॉर्पियो खड़ी हुई थीं. इन गाड़िया में कुछ हाफ पेंट्स और कुछ वैसे पेंट पहने हुए लोग सवार थे. वो लोग हाथ में पानी की बोटल जैसे पकड़े हुए थे. ये बोटलें जहरीली स्प्रे की थीं. ये लोग प्लानिंग के तहत लोगों के बीच में जहरीला स्प्रे करते हुए भागे.'
यहां देखें- वकील एपी सिंह का बयान
#WATCH | Delhi: On the Hathras stampede incident, Advocate AP Singh alleges, "... Unidentified men were carrying poisonous sprays...They ran while spraying the poisonous spray and it looked as a part of a pre-planned conspiracy...Many people lost their consciousness...I urge the… pic.twitter.com/Qo0sWoZVFN
— ANI (@ANI) July 7, 2024
'साजिश के पीछे कौन लोग, पता लगाए SIT'
उन्होंने आगे बताया कि जो चश्मदीद हैं, जिसकी मां वहां एकदम से गिरीं. उन्होंने भी बताया कि जैसे ही उन्होंने सांस ली वैसे भी वो एकदम से गिर गईं. उसके बाद होश आया तभी होश आया. इसके बाद मौके पर भगदड़ मच गई और लोग गिरते, दबते और कुचलते रहे. कईयों की लोगों की मौत हो गई. ये सब एक बड़ी साजिश के तहत किया गया था. स्प्रे छिड़कने वाले लोग तो इसके लिए इस्तेमाल किए गए थे.'
'नारायण साकार हरी को खत्म करने की साजिश'
वकील एपी ने आगे कहा कि इस साजिश के पीछे कौन लोग हैं, इसका पता स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पता लगाए, क्योंकि वो लेग नारायण साकार हरि, मानव मंगल समागम और सनातन को पूरी तरह से खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. हमने डॉक्टर्स से भी बताया कि उन्होंने हमें बताया कि अधिकांश लोगों की दम घुटने से मौत हुई है. दोषियों की पहचान करने के लिए एटा और अलीगढ़ के बीट स्थित टॉल प्लाजाओं पर लगे सीसीटीवी को कब्जे में लेकर जांच की जानी चाहिए.
'बाबा की लोकप्रियता को खत्म करने की साजिश'
सत्संग में अधिक लोगों के पहुंचने की बात पर वकील एपी सिंह ने कहा है कि मानता हूं कि 80 हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन संख्या अधिक हो गई. मगर ऐसे आयोजन पूरे साल चलते हैं. हर जिले और हर प्रदेश में होते हैं, लेकिन कभी ऐसी घटना नहीं हुई. ये भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता को खत्म करने के लिए साजिश रची गई है. इसके पीछे दूसरे अनुयायी, जो ऐसे सत्संग करते हैं वो हो सकते हैं. क्योंकि भोले बाबा की किसी के साथ धन, प्रोपर्टी या अन्य किसी बात को लेकर कोई दुश्मनी नहीं है.
Source : News Nation Bureau