छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने बस्तर अंचल में नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का आग्रह किया है. इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार सुविधा बढ़ाने, बस्तर में सीआरपीएफ की दो और बटालियन की तैनाती सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. जिस पर गृह मंत्री ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री बघेल ने मुलाकात के दौरान कहा कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध है.
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे. कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है.
मुख्यमंत्री ने वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलें के प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था के लिए कोल्ड चेन निर्मित करने के लिए अनुदान दिये जाने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के बस्तर अंचल के सातों आकांक्षी जिलों में आजीविका के साधनों के विकास हेतु कलेक्टरों को कम से कम 50-50 करोड़ रुपए की राशि प्रतिवर्ष दिए जाने की मांग की है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बस्तर के विकास के लिए एनएमडीसी का निजीकरण नहीं करने की बात कही, जिस पर गृह मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है.
मुख्यमंत्री ने आजीविका विकास, नक्सल क्षेत्रों में बैंकों, सड़कें, आधारभूत संरचना के विकास संबंधी मुद्दों पर गृहमंत्री से चर्चा की. इसके साथ ही विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की रायपुर में जल्द ही बैठक भी नियत की गई है. मुलाकात के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुझावों और आग्रह पर गंभीरता पूर्वक विचार कर मांगों को पूरी करने का आश्वासन दिया है.
Source : News Nation Bureau