अब भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों को देखते हुए अस्पताल में भर्ती देशभर के मरीजों की रजिस्ट्री करने का फैसला लिया है. आईसीएमआर (ICMR) के फैसले के बाद रजिस्ट्री को मरीजों के स्वस्थ होने और महामारी की गति के बारे में पता करने के लिए कदम उठाया है. इसके मद्देनजर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय संस्थान चिकित्सा विज्ञान (AIIMS) ने एक राष्ट्रीय नैदानिक रजिस्ट्री शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि वास्तविक समय के आंकड़ों को एकत्र कर इलाज के परिणामों में सुधार, वैश्विक महामारी के बढ़ने की प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया जाए और प्रतिक्रिया को जांचा जा सके.
यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू बने नए CAG, राजीव महर्षि की लेंगे जगह
हर मरीज का रख जाएगा रिकॉर्ड
नेशनल क्लीनिक रजिस्ट्री को आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स के सहयोग से तैयार किया जाएगा. इसमें मरीजों की सही जानकारी के साथ इलाज, उम्र वर्ग में संक्रमण व अन्य जानकारियां मिलेंगी. इसमें पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर, निमहान्स बेंगलुरू, आर्म्डं फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे समेत 100 प्रसिद्ध संस्थानों को शामिल किया जाए जो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से संपर्क में रहकर आंकड़ा जुटाएंगे. आईसीएमआर का कहना है कि क्लिनिकल प्रयोगशाला मापदंडों के डेटा प्रविष्टि के साथ-साथ रोगी प्रबंधन/ परिणामों को देशभर में भाग लेने वाली साइटों द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर एक पूर्व-निर्धारित संरचित प्रोफार्मा में भरा जाएगा. डेटा को केंद्रीय सर्वर/एनएएल क्लाउड और ऑनालिसिस में संग्रहीत किया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः सुशांत सिंह राजपूत केस : CBI ने रिया चक्रवर्ती के साथ कई लोगों पर दर्ज की FIR
भविष्य में काम आएगा ये डाटा
इस डेटा का उपयोग कोविड-19 रोग के विभिन्न मापदंडों के लिए परिकल्पना उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा और रजिस्ट्री मंच का उपयोग भविष्य में पारंपरिक अध्ययनों के लिए किया जाएगा. व्यक्तिगत साइटों द्वारा दर्ज किया गया डेटा केंद्रीय सर्वर पर उनके लिए सुलभ होगा. विश्लेषण किए गए डेटा को सभी साइटों के साथ समय-समय पर साझा किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau