कर्नाटक में 18-19 नवंबर को होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर एग्जामिनेसन अथॉरिटी ने बड़ा ऐलान किया है. अथॉरिटी ने भर्ती परीक्षाओं में सभी प्रकार के हेड और फेस कवर पर प्रतिबंध लगा दिया है. परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए अथॉरिटी ने मोबाइल, ब्लूटूथ, इयरफोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर रोक लगा दी है. साथ ही टोपी, पगड़ी हेड कवर और फेस कवर जैसी अन्य चीजों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे अब लड़िकयां हिजाब पहनकर परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंच सकती हैं. हालांकि, सरकार के नए आदेश में मंगलसूत्र और बिछुओं को प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा गया है. शादीशुदी लड़कियां ये पहनकर परीक्षा केंद्रों में जा सकती है. कर्नाटक एग्जामिनेशन ऑथरिटी ने हिजाब शब्द का इस्तेमाल कभी भी नहीं की है. ऑथरिटी ने सिर्फ हेड और फेस कवर का जिक्र किया है. वैसे भी हेड और फेस कवर में हिजाब भी शामिल होता है.
दरअसल कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा इसलिए चर्चा में आ गया कि कुछ समय पहले परीक्षाओं में हिजाब पहनकर आने की अनुमति दे दी गई थी. वहीं, कई जगहों पर मंगलसूत्र को लेकर विवाद शुरू हो गया था. एग्जामिनेशन हाल में जाने से पहले महिला परीक्षार्थियों को मंगलसूत्र उतरवा लिया गया था. अधिकारियों ने जांच के नाम पर गले से मंगलसूत्र, पैरों से बिछुए और कान से झुमके निकालकर अंदर जाने की अनुमति दी थी.
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मंगलसूत्र पहनने पर हुआ था विवाद
इसके बाद कुछ लड़कियों ने विरोध किया था. लड़कियों के विरोध का कर्नाटक भाजपा ने समर्थन किया था और कर्नाटक सरकार पर सवाल खड़े किए थे. हालांकि, सरकार की ओर से संदेश जारी किया गया था कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए ये कदम उठाए गए थे, लेकिन ताजा आदेश में इसपर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में सरकार का ये फैसला बड़ा मायने रखता है. राज्य में 18-19 नवंबर को कई प्रतियोगी परीक्षाएं होनी हैं. कर्नाटक एग्जामिनेशन ऑथरिटी ने अपने आदेश में कहा कि सिर पर कपड़े, टोपी, स्कार्प, या फिर हेड कवर या फिर फेस कवर को परीक्षा हाल में इजाजत नहीं दी जाएगी. इसमें मंगलसूत्र और बिछियां पहनकर आने की अनुमति है.
पिछले महीने कर्नाटक पब्लिक सर्विस कमिश के दौरान कुछ लड़कियों को मंगलसूत्र पहनने को लेकर एग्जामिनेशन हाल में घुसने नहीं दिया गया था. इसपर विवाद खड़ा हो गया था. अधिकारियों ने सेंटर पर जाने से पहले गले में चेन, बिछए और झुमके तक उतरवा दिए थे. इसपर छात्राओं ने विरोध किया था. छात्राओं के विरोध पर भाजपा ने कर्नाटक सरकार को घेरा था. छात्राओं का कहना था कि बुर्के में आए प्रक्षार्थियों को हाल में जाने की अनुमति दी गई थी. जबकि मंगलसूत्र और बिछए पहनने वाली लड़कियों को हाल में जाने से रोक दिया गया था.
कब शुरू हुआ हिजाब विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद जनवरी 2022 से शुरू हुआ था. उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में 5 लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद लड़कियों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. यह प्रदर्शन इतना बढ़ गया कि पूरे राज्य समेत देशभर में फैल गया. हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम से शिक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की जाएगी. शिक्षा में शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Source : News Nation Bureau