मोरबी हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में हादसे की बड़ी वजह निकलकर सामने आई है. आरेवा ग्रुप (Overa Group) ने एक पत्र दो साल पहले मोरबी के कलेक्टर को लिखा था. यह पत्र टेम्पररी रिपेरिंग करके ब्रिज शुरू करने को लेकर लिखा गया था. ओरेवा ग्रुप ने लेटर में लिखा था 'जब तक नया एग्रीमेंट न हो तब मच्छु नदी पर बने केबल पुल के परमानेंट रिपेरिंग के लिए मटीरियल, कॉन्ट्रेक्टर के साथ जो समान की जरूरत पड़ती उसका ऑर्डर नहीं करेंगे. हम टेम्पररी पुल शुरू करेंगे, जब तक परमानेंट कॉन्ट्रेक्ट की सारी वर्क प्रोसीजर पूरी नहीं होती. इस प्रोसीजर के पूरे होने पर ही हम स्थाई रिपेयरिंग शुरू करेंगे. अंत में पत्र में लिखा गया है, सर हम टेम्पररी रिपेयरिंग करके केबल पुल शुरू करने जा रहे है, हमे भरोसा है कि जल्द ही इन चीजों को ठीक किया जाएगा.'
गौरतलब है कि ओरेवा कंपनी की ओर से दो साल पहले 20 अगस्त 2020 को यह पत्र मोरबी के कलेक्टर को लिखा गया था. इस पत्र में आरेवा ने लिखा था कि अगर कंपनी को मोरबी के केबल पुल का परमानेंट कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिलता है तो ऐसे हाल में पुल को पूरी तरह से रिपेयर नहीं किया जाएगा.
इस पर अस्थायी रूप से काम होगा. पत्र में कहा गया है कि अगर सिर्फ रिपेयरिंग का काम होना है तो कंपनी किसी भी तरह का मटेरियल या सामान मरम्मत को लेकर ऑर्डर नहीं करने वाली है. इसे लेकर यह तय किया गया कि जबतक स्थाई तौर पर कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिलता है, तब तक काम को पूरा नहीं किया जा सकेगा.
इस पत्र ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. पत्र को देखकर लगता है कि कॉन्ट्रैक्ट न मिलने के कारण ओरेवा ने अपना काम सही तरह से नहीं किया है. रिपेयरिंग के काम को नजरअंदाज किया गया.
Source : News Nation Bureau