कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए एक खास पृथक वार्ड बनाने का ऐलान किया है. बता दें कि उन इलाकों में जहां कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वहां जांच की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 8,000 से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है. हालांकि भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा भले ही बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ठीक हुए गए मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. करीब 200 मरीज जो कोरोना पॉजिटिव थे अब पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.
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जापान, कोरिया में ठीक हुए मरीजों में दोबारा संक्रमण की रिपोर्ट
जापान और कोरिया समेत कई देशों में ठीक हुए कोरोना के मरीजों के अंदर दोबारा से वायरस का संक्रमण लौटने की रिपोर्ट आ रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाए की ठीक हुआ मरीज अब पूरी तरह से कोरोना वायरस से मुक्त हो चुका है. इस पर डॉ के के अग्रवाल का कहना है कि ठीक होने के बाद भी 24 घंटे बाद मरीज का दोबारा टेस्ट किया जाना चाहिए. दोबारा टेस्ट के दौरान मरीज के गले के अंदरूनी हिस्से से सैंपल लेने चाहिए. उसके बाद भी अगर कोई शंका होती है तो कई तरह की और टेस्ट भी मेडिकल साइंस के जरिए मुमकिन है. स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर या फिर फ्रंट लाइन में काम करने वाले व्यक्ति को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मरीज अब पूरी तरह से कोरोना वारस से मुक्त है या नहीं.
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देश में संक्रमित लोगों की संख्या 3 हजार के पार
जानकारी के मुताबिक राज्यों में कोरोना संक्रमण के 500 से ज्यादा मामले सामने आने के साथ देश में संक्रमित लोगों की संख्या 3,000 के पार पहुंच गई है. वहीं 90 लोगों की मौत भी अबतक हो चुकी है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े मामलों की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया था कि पिछले दिनों दिल्ली स्थित निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने वालों में से अब तक कुल 647 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. ये लोग 14 राज्यों के हैं.