दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमितों का इलाज अब प्लाज्मा थैरेपी से कराने का फैसला लिया है. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में चार मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी (Plazma Therepy) से इलाज के बेहतर नतीजे सामने आए हैं. इस मौके पर डॉक्टर एसके सरीन ने कहा कि किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज के पूरी तरह ठीक होने के 28 दिन बाद ही उसके शरीर से प्लाज्मा लिया जा सकता है. डॉक्टर एसके सरीन ने बताया, प्लाज्मा थेरेपी का सबसे पहले प्रयोग 1901 में डिप्थीरिया के इलाज में किया गया था. उन्होंने कहा, वायरस के तीन फेज होते हैं. पहला फेज वायरस फेज होता है, जिसमें हम वायरस से प्रारंभिक तौर पर इफेक्टेड होते हैं. दूसरा फेज प्लीमिनरी फेज होता है, जिसमें वायरस से पैदा हुईं समस्या सामने आने लगती है और साइटोकाइन फेज अंतिम फेज होता है, जिसमें लंग्स फेल होने जैसी दिक्कतें सामने आती हैं.
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डॉक्टर सरीन ने बताया, प्लाज्मा थेरेपी के काफी फायदे हैं, इस थेरेपी से हम लीड ले सकते हैं. इसमें कई दिक्कतें हैं. जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं उनलोगों इस समय आगे आना चाहिए, तभी तो हमें एंटीबॉडीज वाले ब्लड मिलेंगे. अगर आप ब्लड देते हैं नया ब्लड बनता है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि डोनर को कोई नुकसान न हो. डोनर की सुरक्षा अधिक जरूरी है. मैं आपसे अपील करूंगा कि आपलोग दिल्ली में आगे आएं. अगर हम दो दिन में यह डोनेट कर पाते हैं तो कोरोना से लड़ाई में हमें काफी फायदा होगा.
उन्होंने यह भी कहा, प्लाज्मा थेरेपी से काफी फायदा है. यह महंगा भी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी के चलते वेंटिलेटर पर लेटा मरीज आज ब्रेकफास्ट कर रहा है. चार मरीजों पर यह प्रयोग किया गया था और चारों दुरुस्त हैं.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को मंगलवार को प्लाज्मा दिया गया. इनमें से एक मरीज आईसीयू से बाहर आ गया है. जल्द इसे छुट्टी दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह थैरेपी एक उम्मीद की किरण के तौर पर सामने आई है. प्रारंभिक नतीजे काफी सकारात्मक नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की इजाजत मांगी. केंद्र ने एलएनजेपी में भर्ती गंभीर मरीजों को ही इसके इलाज की इजाजत दी. पूरी दिल्ली में कोरोना के मरीजों का इलाज इस थैरेपी से करने के लिए अगले दो तीन दिन ट्रायल किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके बाद ही केंद्र से उन्हें पूरी दिल्ली के लिए मंजूरी मिलेगी.
Source : News Nation Bureau